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Tuesday 24 July 2018 05:52:37 PM
कगाई/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा सरकार के गिरिंका कार्यक्रम के तहत उन ग्रामवासियों को 200 गाय भेंट कीं, जिनके पास अभी तक एक भी गाय नहीं थी। गाय भेंट करने का यह कार्यक्रम रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे की उपस्थिति में रुवरू आदर्श ग्राम में हुआ।रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे ने व्यक्तिगत तौरपर ‘गिरिंका’ यानी 'प्रति परिवार एक गाय' कार्यक्रम की शुरूआत की थी और अब यह रवांडा सरकार की एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा योजना भी है। प्रधानमंत्री ने गिरिंका कार्यक्रम और इसके लिए राष्ट्रपति कगामे की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सुदूर रवांडा के गांव में आर्थिक समृद्धि के लिए गायों के महत्व को देखकर भारत के लोगों को भी सुखद आश्चर्य होगा। उन्होंने इस मौके पर भारत और रवांडा के ग्रामीण जीवन में कई तरह की समानता का भी जिक्र किया।
गिरिंका शब्द का अर्थ है कि ‘क्या आप गाय रख सकते हैं’। यह रवांडा में सदियों से चली आ रही एक प्रथा है, जिसके तहत सम्मान और सद्भावना के रूपमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को गाय भेंट करता है। राष्ट्रपति पॉल कागमे ने रवांडा में बच्चों में कुपोषण के खतरनाक स्तर, ग़रीबी से निपटने और पशुधन एवं कृषि को एक साथ लाने के लिए गिरिंका की पहल की थी। यह कार्यक्रम इस अवधारणा पर आधारित है कि गरीबों को दुधारू गाय उपलब्ध कराने से उनकी आजीविका में बदलाव आएगा, गाय के गोबर से तैयार उर्वरकों के इस्तेमाल से कृषि उत्पादन बढ़ेगा, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में वृद्धि होगी एवं इसमें घास और पेड़ लगाए जाने से भूक्षरण में कमी आएगी। गिरिंका कार्यक्रम 2006 में शुरू किया गया था, तबसे लेकर अबतक हजारों लोगों को गायें दी गई हैं। जून 2016 तक कुल 248,566 गायें ग़रीब परिवारों को दी गई। इस कार्यक्रम से रवांडा में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है और खासतौर से दूध उत्पादन तथा डेरी उत्पाद बढ़ा है, ग़रीब परिवारों की आय बढ़ी है और कुपोषण के मामले घटे हैं।
गिरिंका कार्यक्रम ने रवांडा के लोगों के बीच एकता, परस्पर विश्वास और सद्भाव को भी बढ़ाया है, क्योंकि इसके तहत एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सम्मान स्वरूप गायें भेंट की जाती हैं। हालांकि गिरिंका का मुख्य उद्देश्य गाय भेंट करना नहीं है, लेकिन समय के साथ यह कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। रवांडा सरकार के अनुसार गिरिंका कार्यक्रम के तहत खासतौर से उन ग़रीब परिवारों को लक्षित किया गया है, जिनके पास गाय नहीं है, लेकिन अपनी जमीन है, जिसमें वे गायों के लिए घास उगा सकते हैं। इस कार्यक्रम के लाभार्थियों के लिए यह जरूरी है कि वे व्यक्तिगत रूपसे या अन्य लोगों के साथ मिलकर गायों को रखने के लिए जगह बना सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका की राजकीय यात्रा पर हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली रवांडा यात्रा है। रवांडा की राजधानी कगाई में भारत-रवांडा के बीच रक्षा, कृषि, डेयरी, चमड़ा उद्योग और विभिन्न क्षेत्र में क्षमता विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए। प्रधानमंत्री ने रवांडा में उच्चायोग खोलने के फैसले का स्वागत किया है।