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Thursday 26 July 2018 11:49:47 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली में भारत-वियतनाम आर्थिक संबंधों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा है कि वियतनाम की भी गिनती अब आसियान देशों की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में की जाती है। सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच की सांस्कृतिक एवं धार्मिक समानताओं को विशेष अहमियत देता है, लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘एक्ट ईस्ट’ नीति ही है, जिसने पारस्परिक विकास की व्यापक संभावनाओं को परिपूर्ण करने के दरवाजे खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम दोनों ही इस क्षेत्र में व्यापार एवं वाणिज्य और राजनीतिक एवं सुरक्षा मसलों पर महत्वपूर्ण राय रखते हैं।
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आसियान का सदस्य होने के नाते वियतनाम आसियान के अन्य सदस्य देशों के साथ भी भारत के संबंधों में प्रगाढ़ता ला रहा है और जहां तक आसियान का सवाल है तो भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत आसियान पर ही फोकस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने तेल उत्खनन, कृषि, विनिर्माण एवं रक्षा के क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित कर रखे हैं और अब वे सेवा क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार में नया विकास इंजन है। सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत ने वर्ष 1975 में वियतनाम को ‘सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र’ का दर्जा दिया था, उसके बाद से ही दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। दोनों देशों ने वर्ष 2020 तक 15 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार लक्ष्य पर सहमति जताई है। सम्मेलन के उद्घाटन पर समाजवादी गणराज्य वियतनाम के राजदूत टोन सिन्ह थान्ह भी उपस्थित थे।