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Wednesday 1 August 2018 03:38:15 PM
नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में आज दिल्ली में कोंकण रेलवे की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें कोंकण रेलवे के 103 किलोमीटर लंबे वैभववाड़ी सेक्शन पर जल्द ही काम शुरू करने का फैसला लिया गया है। रेलमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कोल्हापुर-वैभववाड़ी रेल सेक्शन न केवल कोंकण रेलवे के लिए, बल्कि संबंधित क्षेत्र और पूरे महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा, इससे महाराष्ट्र का तटवर्ती क्षेत्र राज्य के पश्चिमी हिस्से से सीधे जुड़ जाएगा, जिससे तटवर्ती क्षेत्र के बंदरगाहों का तेज विकास होगा और दूसरी ओर राज्य के भीतर से तटवर्ती क्षेत्रों तक सामानों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोल्हापुर-वैभववाड़ी रेल सेक्शन के बन जाने से महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में वैभववाड़ी के पास बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े तेल शोधन संयंत्र सह पेट्रोकेमिकल परिसर से पेट्रोलियम की आपूर्ति सुगम होगी। उन्होंने बताया कि चालीस अरब डॉलर की लागत से तैयार हो रहा यह संयंत्र इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा है, इसके 2022 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इसकी सालाना तेल शोधन क्षमता 60 मिलियन मेट्रिक टन होगी और इस संयंत्र से पेट्रोकेमिकल की आपूर्ति वैभववाड़ी लाइन के जरिए तटवर्ती क्षेत्र तक आसानी से की जा सकेगी।
रेलमंत्री ने कहा कि भविष्य में राज्य का आर्थिक विकास राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों का राज्य और देश के मुख्य हिस्सों से जुड़ने पर निर्भर करेगा। कोंकण रेलवे के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने रेलमंत्री को बताया कि कोंकण क्षेत्र और गावों एवं छोटे शहरों के लिए रेल सेवाएं बढ़ाने के लिए ही इस मार्ग पर नए स्टेशन बनाए जा रहे हैं, ऐसा पहला स्टेशन अगले साल जनवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। कोल्हापुर-वैभववाड़ी रेललाइन के निमार्ण पर आने वाले खर्च का 50 फीसदी हिस्सा भारतीय रेल वहन करेगी, जबकि बाकी महाराष्ट्र सरकार देगी। बैठक में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, कोंकण रेलवे के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एवं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।