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Thursday 07 March 2013 08:14:25 AM
देहरादून। जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी जायका के 5 सदस्यीय दल ने मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन से मुलाकात की। जापान का यह संगठन उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों के साथ ही वन आच्छादित क्षेत्रों में नॉन टिंबर फायर प्रोजेक्ट पर कार्य करेगा। बैठक में मुख्य सचिव ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को बताया कि उत्तराखंड जहां प्राकृतिक सौंदर्य के तौर पर धनी है, वहीं अपार वन संपदा भी कुदरत ने यहां दी है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों मे निवास करने वाले लोगों का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण एवं संघर्ष से भरा है, बदले वातावरण में यहां के वासिंदों को आर्थिक सामाजिक एवं बौद्धिक स्तर पर ऊंचा उठाने के लिए ऐसे प्रोजेक्टों की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि इस प्राजेक्ट के उत्तराखंड में लागू होने से क्षेत्रवासियों के रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं उनका आर्थिक विकास भी होगा। उन्होंने विदेशी मेहमानों से कहा कि वे वनों के सरंक्षण, संवर्द्धन एवं विकास के लिए भी कार्य करें साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों के आधार पर नये प्रयोग करें। मुख्य सचिव ने बताया कि जायका उत्तराखंड के 22 फारेस्ट वन प्रभागों में कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट पर 655 करोड़ रूपये का निवेश होगा तथा यह योजना 10 साल तक संचालित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जापानी सदस्यों का दल निकट भविष्य में पुनः आएगा, जो क्षेत्र का सर्वे आदि कर प्राजेक्ट तैयार करेगा। उन्होंने प्रमुख सचिव वन रामास्वामी से कहा कि वे इस प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराएं। बैठक में जायका के डिप्टी असिसटेंट डायरेक्टर इटसूकी अस्टूको के अलापवा मुख्य वन संरक्षक डॉ आरबीएस रावत, अपर सचिव वन मनोज चंद्रन के अलावा एसटीएस लेप्सा तथा अनूप मलिक उपस्थित थे।