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Monday 6 August 2018 05:18:32 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने आज प्रवासी भारतीय केंद्र दिल्ली में ‘वस्तुओं की रीसाइक्लिंग के माध्यम से सतत विकास: नीतिगत व्यवस्था’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन नीति आयोग ने किया गया था। सम्मेलन में हुई चर्चाओं में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और दुनियाभर के वस्तुओं की रीसाइक्लिंग के जानकार विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सम्मेलन के जरिए भारत में रोज़गार के ज्यादा अवसर पैदा करने, आयात पर निर्भरता कम करने, पर्यावरण संरक्षण और सर्कुलर अर्थव्यवस्था की अवधारणाएं अपनाने के लिए कई सारे विशेषज्ञों को एकसाथ एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि रीसाइक्लिंग अभियान की सफलता के लिए जनता की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रीसाइक्लिंग से विकास, धनोपार्जन और रोज़गार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और सामाजकि क्षेत्र को रीसाइक्लिंग से होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसके लिए अल्पावधि, मध्यावधि और दीर्घावधि लक्ष्यों पर जोर देते हुए कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करके हम अपने सीमित संसाधनों पर निर्भरता घटा सकेंगे, लैंडफिल्स पर निर्भरता पूरी तरह खत्म कर सकेंगे और देश के सतत विकास एवं देशवासियों के कल्याण के प्रयासों में पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम कर पाएंगे।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने दहाई अंक की विकास दर हासिल करने की देश की आकांक्षाओं का उल्लेख किया और इसके साथ ही रीसाइक्लिंग को महत्व देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्र लाभांवित होंगे। सम्मेलन में इस्तेमाल की जा चुकी वस्तुओं को फिर से इस्तेमाल करने लायक बनाने वाली अर्थव्यवस्था अपनाने, रीसाइक्लिंग उद्योग में आधारभूत संरचना, रीसाइक्लिंग उद्योग में मानक और प्रमाणीकरण, रीसाइक्लिंग के पर्यावरण लाभ एवंरीसाइक्लिंग से जुड़े वित्तीय और कराधान मुद्दे जैसे विषयों पर पांच तकनीकी सत्र हुए। इसके बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने सम्मेलन में समापन सत्र को संबोधित किया और आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में होने वाली इन चर्चाओं से वस्तुओं की रीसाइक्लिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं के लिए नीतियां बनाने में काफी मदद मिलेगी।