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Tuesday 7 August 2018 02:59:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से प्रौद्योगिकी पहल के रूपमें बोलीदाता सूचना प्रबंधन प्रणाली, भूमि राशि और पीएफएमएस संपर्क पोर्टल का शुभारंभ किया है। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि इस पोर्टल का उद्देश्य निर्माणपूर्व गतिविधियों से संबंधित बोली प्रक्रिया और भूमि अधिग्रहण के कार्यों में तेज़ी लाना है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए इस साल से वार्षिक पुरस्कार दिए जाने की भी घोषणा की, ये पुरस्कार उन ठेकेदारों को दिए जाएंगे, जिनका प्रदर्शन परियोजना कार्यों में उत्कृष्ट होगा। पुरस्कारों के लिए चयन की प्रक्रिया सख़्त रखी गई है, कई दौर के आकलन के बाद ही पुरस्कार के लिए किसी का चयन किया जाएगा।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बोलीदाता सूचना प्रबंधन प्रणाली का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से जुड़ी अनुबंध प्रक्रियाओं को बोलीदाताओं के लिए ज्यादा पारदर्शी और व्यवस्थित बनाना है। नितिन गडकरी ने कहा कि पोर्टल के जरिए बोलीदाताओं से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि बोलीदाताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह पोर्टल में अपने कार्यानुभव, वार्षिक कारोबार की वित्तीय जानकारी आदि से संबंधित सभी जानकारी सही तरीके से दें, क्योंकि इन जानकारियों के आधार पर ही उन्हें परियोजनाओं से जुड़े काम दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भूमि राशि पोर्टल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एवं राष्ट्रीय सूचना केंद्र ने मिलकर तैयार किया है और इस पोर्टल में देश के सभी 6.4 लाख गावों की भूमि का राजस्व आंकड़ा दिया गया है, इससे भूमि परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आसान हो सकेगी।
नितिन गडकरी ने बताया कि भूमि राशि पोर्टल के साथ लोकवित्त प्रबंधन प्रणाली को जोड़े जाने से भूमि अधिग्रहण के दौरान अदा की जाने वाली मुआवजा राशि का भुगतान लाभार्थियों को सीधे और आसानी से किया जा सकेगा। नितिन गडकरी ने पोर्टल शुभारंभ पर उम्मीद जताई कि उनके मंत्रालय की ओर से की गई इस प्रौद्योगिकी पहल से राजमार्ग परियोजनाओं के लिए दिए जाने वाले ठेकों और उनके निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि भूमि राशि पोर्टल के जरिए इस वर्ष अबतक भूमि अधिग्रहण की 900 अधिसूचनाएं जारी की जा चुकी हैं, जबकि बीते वर्ष पूरे साल में 1000 अधिसूचनाएं ही जारी की जा सकी थीं। नितिन गडकरी ने पोर्टल का डिजाइन और विकास करने के लिए एनआईसी, परिवहन मंत्रालय तथा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय के अधिकारियों का आभार जताया।