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Tuesday 7 August 2018 04:18:29 PM
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता देने वाले विधेयक को ऐतिहासिक बताया है और सर्वसम्मति से पारित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व में चल रही भारतीय जनता पार्टी सरकार को हार्दिक बधाई दी है। संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खासतौर से हृदय से बधाई देता हूं, जिन्होंने देश के पिछड़े वर्ग के लोगों की बड़ी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि जब भी इस देश के दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज के उत्थान एवं उनके स्वाभिमान की बात होगी और इसका इतिहास लिखा जाएगा तो नरेंद्र मोदी सरकार का यह कार्य स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा, क्योंकि इन्हीं संकल्पों के साथ मोदी सरकार अहर्निश सेवारत है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन के कुशासन और भ्रष्टाचार से तंग आकर देश की महान जनता ने जब नरेंद्रभाई मोदी के नेतृत्व में आज़ाद भारत की पहली पूर्णबहुमत की गैरकांग्रेसी सरकार बनाई, तब ओबीसी कमीशन को संवैधानिक अधिकार देने की बात पर गहन चिंतन और इनिशिएटिव लेना शुरू हुआ। अमित शाह ने कहा कि बीते साल भी हम ओबीसी कमीशन को संवैधानिक अधिकार देने वाला विधेयक लेकर आए थे, लेकिन राज्यसभा में हमारा बहुमत नहीं होने के कारण कांग्रेस ने विधेयक पास नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि हम पुनः इस विधेयक को लेकर सदन में आए और मुझे आनंद है कि पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में सर्वसम्मति से यह विधेयक पारित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के साथ ही देश के पिछड़ा वर्ग समाज के उन्नयन के एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है।
अमित शाह ने कहा कि अब देश के पिछड़े वर्ग समाज के लोगों की कई समस्याओं का समाधान ओबीसी कमीशन के संवैधानिक फोरम से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि देश के दूर-सुदूर गावों में बसने वाले पिछड़ा वर्ग समाज के नागरिकों को अपने जीवन में, कार्यों में, रोज़गार में, शिक्षा में एवं जीवन के अन्य क्षेत्रों में आने वाले सवालों का समाधान इस संवैधानिक आयोग के माध्यम से हो सकेगा। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े और गांव, ग़रीब, किसान के उत्थान के लिए कई सारी योजनाओं का सूत्रपात कर उनके जीवन में नया उजाला लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की हर योजना और हर कार्यक्रम के केंद्र बिंदु में देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े और ग़रीब ही हैं। उन्होंने कहा कि अंत्योदय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और समतामूलक एवं न्यायपूर्ण समाज की स्थापना उनका उद्देश्य। उन्होंने कहा कि वर्ष 1955 से देश का पिछड़ा वर्ग समाज ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता प्रदान करने की मांग कर रहा था, जिसे नरेंद्र मोदी ने पूरा किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किए जाने को ऐतिहासिक कदम बताया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के पिछड़े और आर्थिक रूपसे कमजोर वर्गों के लिए यह कदम इन वर्गों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गौरतलब है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यसभा में संविधान (123वां संशोधन) विधेयक 2017 और लोकसभा के संशोधनों को पेश किया था। इस संशोधन विधेयक से लोकसभा से पारित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 निरस्त हो जाएगा। यह विधेयक राज्यसभा ने 31 जुलाई 2017 को अपनी बैठक में एक संशोधन (धारा-3 के बिना) के साथ पारित किया था और इसे लोकसभा में उसकी सहमति के लिए प्रेषित किया था। लोकसभा ने 2 अगस्त 2018 को वैकल्पिक संशोधनों और आगे के संशोधनों के साथ विधेयक को पारित कर दिया, जो अब कानून बन गया है।