स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 8 August 2018 04:12:01 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माँ विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह देवरिया में बालिकाओं और लड़कियों के यौन शोषण और उसमें प्रारंभिक जांच में सामने आई दिग्गज़ अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता की घटना को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस सम्पूर्ण प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि सीबीआई के यह जांच हाथ में लेने तक साक्ष्यों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ रोकने के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन भी किया गया है और इस टीम की सहायता एसटीएफ करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बंध में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यालय शास्त्री भवन के मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में बताया कि सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक महिला हेल्पलाइन अंजू गुप्ता की एक जांच कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस संरक्षण गृह में रहने वाली बालिकाओं को वाराणसी के संरक्षण गृह में शिफ्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण पर गंभीर रुख अपनाते हुए ही जिलाधिकारी को तत्काल हटाने की कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जून 2017 में राज्य सरकार ने इस संरक्षण गृह की मान्यता समाप्त कर दी थी, जिला प्रशासन को इस संरक्षण गृह को बंद करने और वहां पर रह रही बालिकाओं को स्थानांतरित किए जाने के भी निर्देश दिए गए थे, मगर इस सम्बंध में समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी को चार्जशीट भी जारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कर्तव्य पालन में शिथिलता बरतने वाले जनपद देवरिया के पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और अन्य सम्बंधित अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई है, इन्हें भी चार्जशीट दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संरक्षण गृह की मान्यता समाप्त किए जाने और इसे बंद किए जाने के आदेश के बावजूद इस संरक्षण गृह के कार्यरत रहने के सम्बंध में पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी और इस जांच के लिए एडीजी गोरखपुर को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय थाने में 30 जुलाई को एक एफआईआर भी दर्ज हुई थी, जिसपर कार्रवाई न किए जाने की भी जांच होगी। मुख्यमंत्री के एक्शन के बाद समझा जा रहा है कि माँ विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह देवरिया में सैक्स रैकेट में मामूली नहीं, बल्कि बड़े पुलिस अधिकारियों सफेदपोशों की संलिप्तता सामने आई है और यह सैक्स रैकेट कोई आज से नहीं, बल्कि सपा सरकार के समय और संरक्षण से संचालित था, क्योंकि संरक्षण गृह को सपा सरकार में ही खूब अनुदान मिला है और उस दौरान की शिकायतों का भी संज्ञान नहीं लिया गया।
उधर कांग्रेस ने सवाल किया है कि देवरिया में जिस तरीके से बालिका संरक्षण गृह में देह व्यापार चल रहा था और उसके बाद हरदोई के बेनीगंज में रह रहीं महिलाएं गायब हैं, इसी तरह अन्य जनपदों में संरक्षण गृह के नाम पर अवैध कार्य हो रहे हैं, उससे स्पष्ट होता है कि बीजेपी सरकार में महिला संरक्षण गृह महिलाओं, किशोरियों एवं नाबालिग बच्चियों के लिए नरक गृह बन गए हैं। कांग्रेस का कहना है कि वर्ष 2017 में चुनाव के समय बीजेपी ने नारा दिया था कि महिलाओं के सम्मान में-भाजपा मैदान में, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार-अबकी बार भाजपा सरकार, इन नारों के उलट बहनों, बेटियों के साथ बराबर दुराचार, बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं और सबसे शर्मनाक यह है कि उसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता, विधायक संलिप्त पाए जा रहे हैं। कांग्रेस के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि देवरिया में संरक्षण गृह में सपा सरकार के समय से देहव्यापार होना सुना जा रहा था, भाजपा सरकार ने तो इसपर कार्रवाई की है। बहरहाल मामला सीबीआई को चला गया है, जिसमें कांग्रेस के आरोप का भी उत्तर सामने आ जाएगा। कांग्रेस का यह सवाल जरूर महत्वपूर्ण है कि विभागीय प्रमुख सचिव इस विभाग में पिछले पांच साल से जमी हुई हैं, आखिर इसकी जांच में प्रमुख सचिव गृह को क्यों नहीं भेजा गया? और सरकार ने जिलाधिकारी के निलंबन की कार्रवाई क्यों नहीं की? कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री को भी इस्तीफा देना चाहिए।