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Thursday 9 August 2018 06:52:16 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्किटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी ट्राइफेड और आयुष मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड यानी एनएमपीबी के बीच आज एक समझौता हुआ, जिसका उद्देश्य जनजातीय लोगों की आजीविका के विकास के लिए औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर जनजातीय कार्यमंत्री जुआल ओराम ने कहा कि जनजातीय लोग औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं, लेकिन वे अब भी अपने उत्पादों की वास्तविक कीमत से अनजान हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौते से उन्हें अपने उत्पादों के महत्व के बारे में जानकारी मिलेगी और वे इनकी अच्छी कीमत हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधों के संग्रहण एवं बिक्री में शामिल जनजातीय लोगों को सशक्त करते हुए उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने में यह समझौता एक मील का पत्थर साबित होगा।
जनजातीय कार्यमंत्री जुआल ओराम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों के जरिए सरकार का पूरा ध्यान वनधन पर केंद्रित हो गया है और इस समझौते से प्रधानमंत्री के विज़न को और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि योग सदियों से भारत में प्रचलन में रहा है, लेकिन उसे आज उचित तरीके से मार्केटिंग करने के बाद ही महत्व हासिल हो सका है, इसी तरह अब समय आ गया है कि औषधीय और सुगंधित पौधों की मार्केटिंग बेहतर तरीके की जाए, ताकि जनजातीय लोगों के इन उत्पादों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सके। उन्होंने अनुमान लगाया कि सही कोशिशों के जरिए आने वाले समय में इस क्षेत्र में करोड़ों रुपये के निवेश आकर्षित हो सकते हैं और इन उत्पादों की पहुंच अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार तक संभव हो सकेगी। आयुष राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि ट्राइफेड और एनएमपीबी में हुए इस समझौते से रोज़गार सृजन में मदद मिलेगी और जनजातीय लोगों का कौशल विकास होगा, जो उनके लिए लाभदायक साबित होगा।
जनजातीय कार्य राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने के विज़न की दिशा में यह समझौता एक अगला कदम है। आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि यह समझौता जनजातीय लोगों के उत्पादों के सप्लाई चेन प्रबंधन को मजबूत करने में मददगार साबित होगा और जनजातीय कार्य मंत्रलाय के अंतर्गत ट्राइफेड एवं आयुष मंत्रालय के अंतर्गत एनएमपीबी दोनों के लिए भी फायदेमंद होगा। जनजातीय मंत्रालय में सचिव दीपक खांडेकर ने कहा कि इस समझौते से जनजातीय लोगों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत हासिल करने मदद मिलेगी। ट्राइफेड और एनएमपीबी में हुए समझौते के तहत एनएमपीबी द्वारा समर्थित प्रस्तावित गतिविधयां जैसेकि जनजातीय इलाकों में संभावित औषधीय पौधों की प्रजाति की पहचान करना, अच्छी कृषि प्रथाओं, अच्छी कृषि संग्रह प्रथाओं पर प्रशिक्षण और जागरुकता कार्यक्रम में सहयोग करना, कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण में मदद करना, वनधन विकास केंद्र स्वयं सहायता समूहों के जरिए औषधीय और सुगंधित पौधों के लिए पौधारोपण और नर्सरी विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, औषधीय और सुगंधित पौधों के मानदंड मानकीकरण की सुविधा देना, अनुसंधान और परीक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करना।
ट्राइफेड द्वारा समझौते के तहत समर्थित प्रस्तावित गतिविधियों में प्राथमिक प्रसंस्करण और प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधा के लिए प्रशिक्षण सहित कौशल उन्नयन, क्षमता निर्माण, औषधीय पौधों एवं इसके उत्पादोंके लिए वनधन विकास केंद्र की स्थापना, वनधन विकास केंद्र के तहत वन धन स्वयं सहायता समूहों का निर्माण, औषधीय एवं सुगंधित पौधों के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधा, आधारभूत संरचना का निर्माण और मूल्यवर्धन सुविधा की स्थापना, छोटे वन उत्पादों के लिए आपूर्ति श्रृंखला, वित्तीय संस्थानों और अन्य संगठनों के साथ समझौता करके स्वयं सहायता समूहों के लिए पूंजी जुटाने का प्रावधान, वनधन विकास केंद्र में शामिल स्वयं सहायता समूहों के जरिए आम तौरपर उपलब्ध और अक्सर उपयोग किए जाने वाले औषधीय पौधों की उपयोगिता को विकसित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के हर्बल उद्यान की स्थापना करना, एनएमपीबी और टीआरआई के परामर्श से औषधीय पौधों पर अनुसंधान और विकास अध्ययन को बढ़ावा देना प्रमुख रूपसे शामिल है।