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Friday 10 August 2018 05:36:06 PM
लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अपने शानदार और हृदयस्पर्शी उद्गारों के साथ लखनऊ में ‘एक जनपद एक उत्पाद समिट’ का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश विविध रूपसे समृद्ध है और इसके बल पर यह राज्य निकट भविष्य में एक ‘ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी’ यानि दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि मैं ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट’ समिट के प्रतिभागियों और सरकार में जो एक विशेष उत्साह देख रहा हूं, यह विकास और जनकल्याण के लक्ष्यों के प्रति ऐसा उत्साह है, जो राज्य के निवासियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा ही उत्साह मैंने इस वर्ष फरवरी में ‘उत्तर प्रदेश इंवेस्टर्स समिट’ में भी देखा था, जिससे पता चलता है कि उत्तर प्रदेश बहुत तेजीसे विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट योजनाओं विकास और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को लेकर जनहित में आगे बढ़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को बधाई दी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश की प्रशंसा में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की संस्कृति, चिंतन और शिक्षा व्यवस्था में उत्तर प्रदेश के निवासियों की अग्रणी भूमिका है। वे बोले कि विभिन्न क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए देश के सर्वोच्च अलंकरण भारतरत्न से सम्मानित कुल पैंतालीस विभूतियों में से ग्यारह भारतरत्नों की जन्मस्थली या कर्मस्थली उत्तर प्रदेश है, जो उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह रत्नपरंपरा उसी कड़ी को आगे बढ़ाती है, जिसमें संत कबीर, संत रविदास, सूरदास, तुलसीदास और मलिक मोहम्मद जायसी से लेकर मुंशी प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुभद्रा कुमारी चौहान और गणेशशंकर विद्यार्थी जैसी विभूतियां शामिल हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रतिभावाला प्रदेश है, जिसमें विकास प्रदेश बनने के सभी गुण मौजूद हैं, यहां देश का सबसे बड़ा कार्यबल है, अनेक उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान हैं, कृषि उत्पादन का प्रभावशाली रेकॉर्ड है, हस्तकौशल की प्रसिद्ध परंपरा है, ताजमहल और सारनाथ जैसे पर्यटन के विश्वप्रसिद्ध केंद्र हैं, गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, गोमती, राप्ती और सोन नदियों का आशीर्वाद है और देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी उत्तर प्रदेश में ही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विश्व की जनसंख्या में भारत का जो अनुपात है, लगभग वही भारत की जनसंख्या में उत्तर प्रदेश का है, भारत समेत विश्व में केवल पांच देशों की ही आबादी उत्तर प्रदेश से अधिक है, इसलिए राज्य की 60 प्रतिशत जनसंख्या कामकाजी आयु समूह है, जिसकी भारत के विकास में और उत्तर प्रदेश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत में और उत्तर प्रदेश में सूक्ष्य लघु और मध्यम उद्यम देश की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है, ये उद्यम समावेशी विकास के इंजन हैं, कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक लोग इन्हीं उद्यमों में रोज़गार पाते हैं, इन उद्यमों में अपेक्षाकृत कम पूंजी की लागत पर रोज़गार के अधिक अवसर पैदा होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इन उद्यमों के माध्यम से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रोज़गार पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि देश के सर्वाधिक एमएसएमई उद्यम उत्तर प्रदेश में हैं, सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में हमारे डेमोग्राफिक डिविडेंड का सबसे अधिक उपयोग इन्हीं उद्यमों में हो सकेगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 44 प्रतिशत है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग गुड्स, कालीन, रेडीमेड कपड़े, लेदर गुड्स से विदेशी मुद्रा और रोज़गार दोनों ही दृष्टियों से लाभ होता है, इसीलिए उत्तर प्रदेश के विकास में एसएमई उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश में एसएमई क्षेत्र के लिए प्रभावी इको सिस्टम विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं, इस साल जून में मुझे एमएसएमई क्षेत्र के विकास को और ज्यादा गति देने के लिए केंद्र सरकार के ‘उद्यम संगम’ में भाग लेने का अवसर मिला था, राज्यस्तर पर भी ऐसे प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की यह ‘ओडीओपी’ योजना भी छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक एमएसएमई उद्यमों के लिए सहायक परिस्थितियां उत्पन्न करेगी। रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे शिल्पकारों का हुनर बहुत ही प्रभावशाली है, ओडीओपी योजना से स्थानीय कौशल और कलाओं का संवर्धन होगा तथा उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी, उत्तर प्रदेश के हर जनपद में शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में विशिष्ट पहचान वाले उत्पादों की संख्या एक से अधिक है, वहां अधिक रोज़गार एवं विकास की संभावना वाले उत्पाद का चयन किया गया है।
‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे बताया गया है कि ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना में पांच वर्ष में पचीस हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिए पचीस लाख लोगों को रोज़गार दिलाने का लक्ष्य है, इसलिए आशा है कि इस योजना से युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा होंगे, साथ-ही-साथ राज्य के समग्र और संतुलित विकास को बल मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि इस समिट में ‘ई-मार्केटिंग’, ‘ज़ीरो डिफ़ेक्ट-ज़ीरो इफ़ेक्ट’ और पूंजी निवेश में सहायता के लिए संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ जो समझौते हुए हैं, उनसे जिला स्तर पर उत्पादकों के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि ‘थिंक-ग्लोबल, ऐक्ट-लोकल’ की सोच के अनुसार स्थानीय कौशल को प्रोत्साहन देकर जनपदों के कई उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लायक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है, लेकिन ऐसे बहुत से जिले और उत्पाद हैं, जिन्हें इस योजना में समुचित प्रोत्साहन देकर उनकी क्षमता का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि कई नए ब्रांड विकसित किए जा सकते हैं और जब अंबेडकरनगर के वस्त्र उत्पाद के कारीगर और श्रावस्ती में ट्राइबल क्राफ्ट में लगे शिल्पी राज्य सरकार से प्रभावी सहायता प्राप्त करेंगे तो निश्चय ही उनका उत्साह बढ़ेगा, उनके उत्पादों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी, उनके उत्पाद अधिक ‘मार्केटेबल’ हो सकेंगे और उनकी आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देकर उत्पादों की विभिन्न बाज़ारों में पहुंच बढ़ाई जा सकती है, उपभोक्ता स्वयं उत्पादों तक नहीं आता, उत्पादों के प्रति उपभोक्ता की रुचि जगाने के लिए उसके पास जाना पड़ता है। रामनाथ कोविंद ने सुझाव दिया कि ब्रांडिंग के लिए देश के प्रमुख सात-आठ नगरों में उत्तर प्रदेश के जनपदों के उत्पादों की लगभग 10 से 15 दिनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सकता है, जिनमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल या मुख्यमंत्री की उपस्थिति से मेजबान राज्य के राज्यपाल या मुख्यमंत्री को आमंत्रित करके ऐसी प्रदर्शनी के महत्व और इन उत्पादों के प्रति आकर्षण को बढ़ाया जा सकता है।
नौकरी की मानसिकता बदलनी होगी
रामनाथ कोविंद ने कहा कि ऐसे उत्पादों के विषय में मैंने अपने कुछ विचार पिछली इंवेस्टर्स समिट में भी साझा किए थे, हमें कुछ विकसित देशों से यह सीखना है कि कैसे हाथ से बनी हुई चीजों को आधुनिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग के जरिये विदेशी मुद्रा कमाने, रोज़गार बढ़ाने और देश की छवि को निखारने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी हुनर या कौशल समाज के किसी वर्ग विशेष से जुड़ा नहीं होता है, सचमुच में परिश्रम, परिश्रम होता है, उसका कोई उच्च या निम्न विकल्प नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हमें कम परिश्रम के व्यवसाय या नौकरी की ओर आकर्षित होने की अपनी मानसिकता बदलनी होगी, क्योंकि डिगनिटी ऑफ लेबर एंड रेस्पेक्ट फॉर स्किल में विश्वास करने वाला समाज विकास की दौड़ में सदैव आगे रहता है। उन्होंने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस योजना में सभी उत्पादों से जुड़ी पूरी प्रोसेस चेन और वैल्यू चेन पर ध्यान दिया गया है, जिससे उत्पादकों और ग्राहकों के बीच सीधा संपर्क और भी सुगम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्किल इंडिया मिशन, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, रोज़गार प्रोत्साहन योजना तथा ‘मुद्रा’ योजनाओं से इस योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस योजना में वह क्षमता है, जिसके द्वारा अंतिम पंक्ति के लोगों को कौशल विकास एवं रोज़गार के अवसर प्रदान करके जमीनी स्तरपर व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विकास और कल्याण के मानदंडों पर पीछे रह गए देश के 117 आकांक्षी जिलों में उत्तर प्रदेश के 8 जिले शामिल हैं, इनमे से दो जिलों का उल्लेख करें तो बलरामपुर में फूड प्रोसेसिंग और फ़तेहपुर में बेडशीट बनाने का काम होता है, उन जिलों में यह योजना चेंज एजेंट का काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि इस योजना से होने वाला बदलाव इन आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कौशल विकास तथा वित्तीय समावेश के मापदंडों पर सुधार लाने में भी सहायक होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ ही महीने बाद पूरी दुनियां की निगाहें उत्तर प्रदेश पर होंगी, जब इलाहाबाद के कुम्भ में शामिल होने के लिए देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे, विश्व के सबसे बड़े मेले के आयोजन की तैयारी अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि इस कुंभ के आयोजन की सफलता के लिए मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं, और सुझाव दिया कि यदि संभव हो तो कुम्भ मेले में प्रत्येक जिले के उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाए।
‘एक जनपद एक उत्पाद समिट’
राष्ट्रपति ने कहा कि चरैवेति! चरैवेति! के आदर्श को अपने जीवन में ढालने वाले राज्यपाल राम नाईक का मार्गदर्शन उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के निवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, मुझे आशा है कि भविष्य में उत्तर प्रदेश के अनेक नए उत्पाद, देश और विदेश के बाज़ारों में अपनी पहचान बनाएंगे, ऐसे बदलाव से समावेशी विकास को बल मिलेगा और जनपदों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनेगी। राष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सभी जनपदों के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक, मंत्रिमंडल सहयोगियों, राज्य में नए सिरे से औद्योगिक विकास के सूत्रधार और औद्योगिक विकास आयुक्त एवं मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, पर्यटन महानिदेशक एवं प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव भुवनेश कुमार के साथ उत्पादों को देखा और उत्तर प्रदेश की कला एवं उत्पादों पर गर्व व्यक्त किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय एवं उनकी टीम ने विकास समिट के जरिए राज्य में उच्च विकास का माहौल विकसित किया है, जिससे उत्तर प्रदेश में निवेश के प्रति देश-विदेश के उद्यमियों का आकर्षण बढ़ा है। ‘एक जनपद एक उत्पाद समिट’ में राज्य सरकार को अपेक्षा से भी अधिक समर्थन मिला है। समिट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां और योजनाएं गिनाईं और उत्तर प्रदेश के विकास का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज सवेरे जब लखनऊ पहुंचे तो उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा, मंत्रिमंडल के सदस्य, डॉ रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, राज्यमंत्री स्वाति सिंह, राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, पर्यटन महानिदेशक एवं प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह और वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। राष्ट्रपति पहले राजभवन पहुंचे। वहां भी राम नाईक ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति ने राजभवन में ही मध्यान्ह भोज किया तथा राजभवन परिवार के साथ फोटो सेशन हुआ। राजभवन में तैनात पुलिस निरीक्षक कुलदीप सिंह ने राष्ट्रपति के स्वागत में स्वयं रचित कविता भी भेंट की। राष्ट्रपति से राजभवन में डॉ अनीता जैन भटनागर अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, टीकाराम पटेल झांसी, लालजी प्रसाद निर्मल अध्यक्ष उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, श्याम मोहन दुबे प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल कानपुर देहात, इंद्रजीत कोरी पूर्व मंत्री, कुंजीलाल, डॉ अनीस अंसारी अध्यक्ष आल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरात के नेतृत्व में मौलाना जहीर अहमद नदवी, मौलाना शहाबुद्दीन सलाफी, मोहम्मद खालिद, अमित विज के नेतृत्व में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की।