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Saturday 11 August 2018 12:50:50 PM
लखनऊ। जश्न-ए-आज़ादी समिति का राष्ट्रभक्ति और देशप्रेम से प्रेरित कार्यक्रमों का आयोजन 13 से 15 अगस्त तक लखनऊ शहर के अलग-अलग स्थानों पर होगा। रॉयल होटल में हुई समिति की बैठक के उपरांत समिति की अध्यक्ष निगहत खान ने यह जानकारी दी। बैठक में अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परमिंदर सिंह, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, समिति के महामंत्री मुरलीधर आहूजा, उत्तर प्रदेश ज़िला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष पंडित हरिओम शर्मा ‘हरि’, एसोसिएशन के महामंत्री अब्दुल वहीद एवं सचिव जुबेर अहमद, प्रसिद्ध कवि सर्वेश अस्थाना, सुशील दुबे, फादर पॉल रोड्रिग्स, कांग्रेस नेता सिराज मेंहदी, सरदार निर्मल सिंह आदि उपस्थित थे।
जश्न-ए-आज़ादी समिति के महामंत्री मुरलीधर आहूजा ने इस अवसर पर फिर दोहराया कि हमारे राष्ट्रीय पर्व आजकल मात्र एक अवकाश बनकर रह गए हैं, जबकि इस राष्ट्रीय त्योहार का उत्सव बड़े ही जोर-शोर से मनाना चाहिए, इसी भावना के साथ समिति ने तीन दिन तक लगातार स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने का आह्वान और फैसला किया है। मुरलीधर आहूजा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस उत्सव के तहत 13 अगस्त सोमवार को प्रातः 10 बजे से दशमेश मेडिकल चैरिटेबल हॉस्पिटल आलमबाग गुरुद्वारा में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाया जाएगा, जबकि दशमेश पब्लिक स्कूल आलमबाग गुरुद्वारा में छात्रों और क्षेत्रीय नागरिकों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों का मार्गदर्शन डॉ राजेश मेहता, आलमबाग गुरुद्वारा के कार्यवाहक अध्यक्ष सरदार निर्मल सिंह एवं अवध अस्पताल के प्रबंध निदेशक सत्येंद्र भावनानी करेंगे।
जश्न-ए-आज़ादी समिति के सदस्य पंडित हरिओम शर्मा ‘हरि’ ने अन्य कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि आज़ादी की पूर्व संध्या 14 अगस्त को सायं 7 बजे से 1090 चौराहा गोमतीनगर पर कवि सम्मेलन, ग़ज़ल, आर्केस्ट्रा एवं विभिन्न संगठनों द्वारा देशभक्ति के गीतों का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा, इसके उपरांत स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मध्य रात्रि 12 बजे बैंड-बाजों के साथ 72 किलो का महालड्डू वितरित करते हुए जोर-शोर से जश्न-ए-आज़ादी मनाई जाएगी। बुधवार को स्वतंत्रता दिवस पर प्रातः 11 बजे से एक ऐतिहासिक स्कूटर-बाइक रैली निकाली जाएगी और अपरान्ह 1 बजे हज़रतगंज पुरानी कोतवाली के सामने पहुंचकर झंडारोहण किया जाएगा और शांति के प्रतीक 11 कबूतर उड़ाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रमों के समापन के उपरांत 16 अगस्त को एक विशेष दल लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कागज और प्लास्टिक के झंडों को एकत्रित करेगा और उन्हें सम्मान के साथ यथोचित पर विसर्जित किया जाएगा।