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उत्तर प्रदेश से ही देश का विकास संभव-योगी

कुम्भ में भी यूपी के ज़िलों के उत्पादों की प्रदर्शनी लगेगी

एक जनपद एक उत्पाद समिट में सीईओज सेशन

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Saturday 11 August 2018 01:04:03 PM

cm yogi adityanath, ceos in a district one product summit

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की प्रगति से ही देश का विकास सम्भव होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापना और औद्योगिक विकास के लिए बेहतर वातावरण बना है, विभिन्न क्षेत्रों के सम्बंध में नीतियां बनाकर लागू की गई हैं। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि अबतक इस क्षेत्र को उचित प्रोत्साहन नहीं मिला, लेकिन भाजपा सरकार इस सेक्टर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘एक जनपद एक उत्पाद समिट’ के तहत सीईओज सेशन को सम्बोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने सीईओज के ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि सीईओज की भागीदारी से राज्य सरकार उत्साहित है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश की छवि को बदलने एवं नई पहचान दिलाने का कार्य किया है और एक टीम भावना प्रस्तुत करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में विकासकार्य सफलतापूर्वक सम्पादित किए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और औद्योगिक सुरक्षा का वातावरण बना है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में जो उद्यमी प्रदेश को छोड़कर अन्य प्रदेशों की ओर रुख कर रहे थे, अब उन्हीं उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश में वापस आना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ के अवध शिल्पग्राम को विभिन्न जनपदों के उत्पादों के प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है, देश के अन्य प्रदेशों के विभिन्न शहरों में भी यहां के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाए जाने की योजना है, इन कार्यों से इन उत्पादों की विशिष्टता का व्यापक प्रचार-प्रसार तो होगा ही इनके लिए बाज़ार भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रयाग कुम्भ-2019 में उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ओडीओपी योजना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है और आवश्यकता पड़ने पर इस धनराशि को और भी बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना के सम्बंध में उद्यमियों की हर सम्भव सहायता करेगी और सीईओज के प्रस्तावों व सुझावों पर विचार करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओडीओपी के विकास के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मांग के अनुरूप उत्पादन हेतु तकनीकी सहयोग, वित्तीय सहयोग, गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, डिजाइनिंग और कला कौशल में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण एवं अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण और निर्मित उत्पादों के विपणन में सहायता की रणनीति को अपनाने की आवश्यकता है, इस दिशा में सरकार तेजी से कार्य कर रही है और उद्यमी इस सुधार को महसूस भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक जनपद के अपने विशिष्ट उत्पाद हैं, इन विविधतापूर्ण उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला है, कई जनपदों में मात्र एक ही नहीं, बल्कि कई विशिष्ट उत्पाद हैं। उन्होंने वाराणसी के विभिन्न उत्पादों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश का प्रत्येक जनपद एक या उससे अधिक उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है और सभी उत्पादों के विकास की सम्भावनाओं को समेटे हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के संतुलित विकास के लिए 75 जनपदों में पारम्परिक उद्योगों का विकास और इससे जुड़े कारीगरों एवं व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र संतुलित एवं समावेशी आर्थिक विकास, स्थानीय स्तरपर रोज़गार सृजन और आय में वृद्धि के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना का शुभारम्भ 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर किया गया था। उन्होंने कहा कि अभी यह शुरुआत है, जिसे तीव्रगति से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार जनता के सर्वांगीण विकास के लिए नीतिगत एवं क्रियांवयन दोनों ही स्तरपर निरंतर प्रयत्नशील है, सभी क्षेत्रों के विकास के लिए न केवल नीतियां, योजनाएं एवं कार्यक्रम बनाए गए हैं, बल्कि प्रभावी और योजनाबद्ध ढंग से उन्हें लागू भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोज़गार प्रोत्साहन हेतु औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2017 लागू की जा चुकी है और हस्तशिल्प, कृषि, दुग्ध एवं चर्म उत्पादों के उत्पादन और निर्यात में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी है। मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय ने भी ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के विकास के सम्बंध में उद्यमियों से सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्थानीय स्तरपर व्यापक रोज़गार सृजन, उत्पाद गुणवत्ता में सुधार, वित्तपोषण, तकनीकी उन्नयन, कौशल विकास, कॉमन फैसिलिटी सेंटर, टेस्टिंग लैब, एक्जीबिशन एवं व्यापार केंद्रों के लिए महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधाओं का विकास कर रही है। सीईओज ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि प्रतिभाशाली युवाओं की क्षमताओं के विकास के लिए इन्क्यूबेशन सुविधाएं, हैंड होल्डिंग का ईको वातावरण सृजित किए जाने की आवश्यकता है, जिससे अधिक से अधिक स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जा सके।
मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय ने कहा कि विभिन्न जनपदों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा और बाज़ार के अनुरूप विकसित करना होगा, उत्पादों की गुणवत्ता के लिए प्रमाणीकरण करना होगा, पारंपरिक उत्पादों और उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से क्लस्टर्स की स्थापना किए जाने की आवश्यकता है। सीईओज ने कहा कि योजना के अंतर्गत चयनित उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन के लिए ई-मार्केटिंग कम्पनियों को अपने प्लेटफार्म पर ज्यादा से ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए प्रचार-प्रसार और ब्रांडिंग करने की जरूरत है, उत्पादों के गुणवत्ता प्रबंधन तथा मानकीकरण पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिए। सीईओज ने कहा कि कालीन उद्योग, लेदर उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण एवं हेल्थ केयर के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाएं हैं। उनका सुझाव था कि बाज़ार का विश्लेषण करते हुए सांस्कृतिक व्यापार के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यकता है, हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, नाबार्ड से पूंजी जुटाने पर भी सुझाव प्राप्त हुए। सीईओज ने ओडीओपी योजना में सरकार के प्रयासों की सराहना की।
सीईओज सेशन के दौरान अमेजन सेलर सर्विसेज के निदेशक एवं महाप्रबंधक गोपाल पिल्लई, एसीएमए (एकमा) के अध्यक्ष ओंकारनाथ मिश्रा, सीएलई कानपुर के अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन, आईआईए के महासचिव डीएस वर्मा, पीएचडी के अध्यक्ष अनिल खेतान, लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि रवींद्र सिंह, एटीडीसी गुड़गांव के महानिदेशक एवं सीईओ डॉ डार्ली कोशी, सीजीएम नाबार्ड एके सिंह, एचडब्ल्यूए वाराणसी के कार्यकारी महानिदेशक डॉ रजनीकांत, बीएसई के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ आशीष चौहान, केंद्रीय विकास आयुक्त राममोहन मिश्रा, केंद्रीय अतिरिक्त सचिव खाद्य प्रसंस्करण डीएस गंगवार, निदेशक ईपीसीएच नई दिल्ली आरके वर्मा सहित अन्य सीईओज व उद्यमियों ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए। समिट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन सचिव भुवनेश कुमार और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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