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Thursday 16 August 2018 08:26:54 AM
नई दिल्ली। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में भी अपनी सरकार की शानदार वापसी से भरे आत्मविश्वास के साथ 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि 2022 तक हिंदुस्तान में घर-घर खुशहाली होगी। केसरिया पगड़ी पहने प्रधानमंत्री ने आज जिस जोश और जिस अंदाज में देश को संबोधित किया, उन्होंने जो वादे निभाए और जो भरोसेमंद घोषणाएं कीं, उनसे तो यही लगता है कि देश की जनता उनपर फिर मेहरबान होगी और विपक्ष का संभावित महागठबंधन सत्ता से हाथ मलता रह जाएगा। आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना नरेंद्र मोदी का कोई कम बड़ा मास्टर स्ट्रोक नहीं है, उन्होंने देश के करीब पचास करोड़ लोगों में यह आशा जगा दी है कि उनके माता-पिता और बच्चे इलाज के अभाव में दम नहीं तोड़ पाएंगे और वह भी स्वस्थ्य और सुखी जीवन का सपना देख पाएंगे। विपक्ष के अरमानों पर पानी फेरते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई पुरानी प्रचलित योजनाओं की सफलता का उल्लेख किया, जो भाजपा सरकार के सत्ता के मार्ग को प्रशस्त करती हैं। प्रधानमंत्री आज मुखर और धाराप्रवाह बोले।
आयुष्मान हिंदुस्तान का डंका आज से ही बज गया है। देश के समाचार चैनलों और उनकी पैनल चर्चाओं में इस बात को स्थापित करने को होड़ लगी है कि आयुष्मान हिंदुस्तान योजना भाजपा के लिए मतदाताओं को घर से बूथ तक लेकर आ जाएगी, क्योंकि यह योजना ग़रीब के बड़े से बड़े घाव को भरने में सक्षम है और इसकी सफलता विपक्ष के महागठबंधन के ग़रीब और किसानों के मुद्दों को निरुत्तर करती है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने छह युवा महिला नौसेना अधिकारियों को नाविका सागर परिक्रमा में मिली शानदार सफलता और कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवा भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने नीलगिरी पहाड़ियों में नीलकुरिंजी के पुष्प के खिलने का भी ज़िक्र किया जो 12 वर्ष में एक बार खिलते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में समाप्त संसद का सत्र इस लिहाज से उल्लेखनीय रहा कि यह सामाजिक न्याय के ध्येय को समर्पित रहा। उन्होंने यह बात भी रेखांकित की कि भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूपमें उभरकर सामने आ चुका है। उन्होंने बड़े ही साफ शब्दों में कहा कि तीन तलाक और उसकी पीड़ाओं से मुस्लिम महिलाओं को 2019 तक मुक्ति दिला दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की और भारतीय सुरक्षाबलों और पुलिस के जवानों को नमन किया। उन्होंने विशेषकर जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों का स्मरण किया, जिसे अंग्रेजों ने वर्ष 1919 में बैशाखी के दिन बड़ी ही निर्दयता के साथ अंजाम दिया था। उन्होंने देश के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त कीं। लालकिले की प्राचीर से उनके प्रधानमंत्रित्व कालका यह पांचवां संबोधन था। उन्होंने महान कवि सुब्रमण्यम भारती को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत दुनिया को सभी तरह के बंधनों से मुक्त होने का मार्ग दिखाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के सपने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने साझा किए थे और एक ऐसे देश के सपने को साकार करने के लिए बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने एक समावेशी संविधान तैयार किया था, जहां गरीबों को न्याय मिलता है और आगे बढ़ने के लिए सभी को समान अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अब राष्ट्र निर्माण के लिए एकजुट हो रहे हैं, शौचालयों के निर्माण, गांवों में बिजली पहुंचाने, एलपीजी गैस कनेक्शन देने और आवास निर्माण जैसे क्षेत्रों में विकास की गति काफी तेज है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन चार वर्ष में किसानों के लिए ज्यादा एमएसपी, जीएसटी और एक रैंक-एक पेंशन सहित ऐसे कई निर्णय लिए हैं, जो लंबे अर्से से लंबित पड़े थे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो पाया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखा है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि वर्ष 2013 की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों और एजेंसियों का नज़रिया भारत के प्रति किस तरह से बदल चुका है। उन्होंने कहा कि ‘नीतिगत निष्क्रियता’ के दौर से उबरकर भारत अब ‘सुधार, प्रदर्शन एवं रूपांतरण’ की ओर अग्रसर हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत अब कई महत्वपूर्ण बहुपक्षीय संगठनों का एक सदस्य है और इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की अगुवाई कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र आज खेलों में उपलब्धियां हासिल करने, विद्युत सुविधा से वंचित अंतिम गांवों में बिजली पहुंचाने और जैव खेती का केंद्र बनने के लिए समाचारों की सुर्खियों में है, ‘मुद्रा’ योजना के तहत 13 करोड़ लोन वितरित किए जा रहे हैं और उनमें से चार करोड़ लोन इस तरह के ऋणों से पहली बार लाभांवित हो रहे लोगों को दिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। उन्होंने स्वयं की अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुए भारत द्वारा वर्ष 2022 तक मानव सहित अंतरिक्ष मिशन‘गगन यान’ का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत इस तरह की उपलब्धियां हासिल करने के साथ ही दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने और जनकल्याण के कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने का लक्ष्य है, जो अत्यंत कठिन होते हैं। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना जैसी पहल लोगों को सम्मान दिला रही हैं और विभिन्न संगठनों जैसे डब्ल्यूएचओ ने स्वच्छ भारत मिशन की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की है। नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत के गरीबों को बेहतरीन एवं किफायती स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि इस योजना से 50 करोड़ लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि किस तरह से लगभग 6 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को बाहरकर सरकारी लाभों को सही हकदारों तक पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के ईमानदार करदाताओं की राष्ट्र की प्रगति में उल्लेखनीय भूमिका है, इन करदाताओं की बदौलत ही कई लोगों का भरण-पोषण संभव हो पाता है और गरीबों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट लोगों के साथ-साथ काला धन रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गलियारे अब सत्ता के दलालों से मुक्त हो गए हैं और गरीबों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारतीय सशस्त्रबलों में कार्यरत अस्थायी कमीशंड महिला अधिकारी भी अब पारदर्शी चयन प्रक्रिया के जरिए स्थायी कमीशंड अधिकारी बनने की हकदार होंगी। तीन तलाक प्रथा के कारण मुस्लिम महिलाओं से अन्याय होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को यह आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अवश्य ही न्याय मिले। प्रधानमंत्री ने देश में वामपंथी चरमवाद में कमी होने का उल्लेख किया। उन्होंने जम्मू–कश्मीर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत’ विज़न को दोहराया। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर में गोली या गाली से नहीं बल्कि गले लगाकर वहां का समाधान चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी के लिए आवास, सभी के लिए बिजली, सभी के लिए स्वच्छ ईंधन, सभी के लिए जल, सभी के लिए स्वच्छता, सभी के लिए कौशल, सभी के लिए स्वास्थ्य, सभी के लिए बीमा और सभी के लिए कनेक्टिविटी के विज़न पर विशेष जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्रगति करे, कुपोषण समाप्त हो और देशवासी बेहतर जिंदगी जिएं, यह देखने के लिए वह बेसब्र, व्याकुल और उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने कुछ ज्वलंत मुद्दों को नहीं छुआ, इसका कारण चाहे जो भी हो। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद जब चलने लगे तो पूर्व की भांति स्कूली बच्चों के बीच में गए और उनसे हाथ मिलाया और उनका अभिवादन लिया। बच्चे नरेंद्र मोदी की एक झलक पाने और उनको छू लेनेभर के लिए उत्सुक और बेताब थे। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। उनके संबोधन में यह बात खास रही कि वे आक्रामक नहीं, बल्कि शालीन और विकासकेंद्रित थे। उन्होंने आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर कोई नरमी नहीं दिखाई। प्रधानमंत्री का यह भाषण काफी चर्चा में है और विपक्ष ने इसे लोकसभा चुनाव की भाजपा की तैयारी करार दिया है। भाजपा ने भाषण को ऐतिहासिक बताया है। पांच लाख रुपए की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना भाषण की मुख्य विशेषता है, जो ठीक से लागू हो गई तो यह लोकसभा चुनाव में गेम चेंजर बन सकती है।