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शुक्रताल घाट पर निर्बाध जल प्रवाह पर बैठक

स्‍थानीय आबादी व घाट पर धार्मिक कर्मकांड में समस्‍या

यूपी और उत्तराखंड के सिंचाई विभागों को निर्देश जारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 August 2018 05:11:21 PM

discussion on the increase in the flow of water on shukrataal ghaat in delhi

नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्‍यमंत्री डॉ सत्‍यपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सिंचाई विभागों के अधिकारियों के साथ मुजफ्फरनगर जिले में शुक्रताल घाट पर निर्बाध जल प्रवाह के संबंध में चर्चा के लिए एक बैठक की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्‍ताव पेश करने केलिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। ग़ौरतलब है कि शुक्रताल घाट मुजफ्फरनगर जिले में सलोनी नदी पर स्‍थित है, जो गंगा की सहायक नदी है। सलोनी नदी में कई वर्ष से जल प्रवाह कम होता जा रहा है, जिसके कारण स्‍थानीय आबादी और घाट पर धार्मिक कर्मकांड करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को समस्‍या होती है। सलोनी नदी, पश्‍चिम भाना नाला से होते हुए बाणगंगा के जरिए पानी प्राप्‍त करती है।
गंगा तट के किनारे पर बसा पौराणिक स्थल शुक्रताल घाट पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक विख्यात आस्था का केंद्र है, प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर यहां बड़ा मेला आयोजित होता है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग गंगा स्नान करते हैं और पौराणिक आयोजनों में भाग लेते हैं। बहरहाल पश्‍चिम भाना नाला और बाणगंगा का पानी तटबंधों के निर्माण की वजह से अवरुद्ध हो गया है, इन तटबंधों का निर्माण मानसून में आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ से बचाने के लिए किया जा रहा है। शुक्रताल घाट पर निर्बाध जल प्रवाह के संबंध में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकारियों ने घाट पर जल के निर्बाध प्रवाह पर कई सुझाव भी दिए।
जल संसाधन एवं नदी विकास राज्‍यमंत्री डॉ सत्‍यपाल सिंह ने अधिकारियों को इस संबंध में जल्द ही एक विस्‍तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है, ताकि लोगों की जल संबंधी असुविधा का समय पर निराकरण हो सके। बैठक में उत्तराखंड सरकार के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, बिजनौर के सांसद भारतेंद्र सिंह, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सचिव यूपी सिंह, राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा, केंद्रीय जल आयोग, सीजीडब्‍ल्‍यूबी, डब्‍ल्‍यूएपीसीओएस, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग, उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारी भी उपस्‍थित थे।

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