Monday 20 August 2018 03:11:43 PM
दिनेश शर्मा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के पितामह और देश के महापुरुष अटल बिहारी वाजपेयी महाप्रयाण पर जाते-जाते भी भाजपा के तीन राज्यों मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान के आसन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की फिर से शानदार जीत का परम आशीर्वाद दे गए। भाजपा भी बिना अवसर गंवाए लावलश्कर के साथ श्रद्धांजलि का चमत्कार लेकर देशभर में निकल पड़ी है। भाजपा के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश और इन तीन महत्वपूर्ण राज्यों में भाजपा का लगातार भूस्खलन भी थम गया है। भाजपा माने या न माने, लेकिन इन तीन राज्यों में विपक्ष का महागठबंधन बनाए घूमरहे कुछ राजनीतिक दल इसबार साम दाम दंड भेद से भाजपा को सत्ता से बाहर करने की योजना पर काम कर रहे थे, जिसके फलस्वरूप देशभर के विश्लेषणकर्ता कह रहे थे कि भाजपा अपने प्रचंड बहुमत की कद्र नहीं कर पाई है, जिससे यह महागठबंधन सर उठाता दिख रहा है, जिससे भाजपा के ये तीनों राज्य मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से निकल सकते हैं, जिससे 2019 में भी लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, अटल बिहारी वाजपेयी ने पहले ही विपक्ष के महागठबंधन के भाजपा को हराकर सत्ता में आने के सपने को अपने महाप्रयाण से चकनाचूर कर दिया है।
भाजपा इस समय बेहद प्रफुल्लित है। उसके मन में लड्डू फूट रहे हैं। किस्मत है भाजपा और नरेंद्र मोदी की। नरेंद्र मोदी के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पहले भी गुजरात की सत्ता के कारक बने थे और अब महाप्रयाण पर जाते-जाते भी वे केंद्र में फिरसे नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित कर गए हैं। कहना न होगा कि नरेंद्र मोदी के नसीब से केंद्र में भाजपा का प्रचंड राजयोग आया और अब अटल बिहारी वाजपेयी ने भी देशभर में 2019 तक का भाजपा का गज़ब का माहौल बना दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने अटलजी के कंधों पर अपने तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने की और उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी श्रद्धांजलि का पूरा लाभ उठाने की तैयारी शुरू करदी है। कहा जा रहा है कि भाजपा इन तीनों राज्यों में जनता में सुशासन का संदेश देने में विफल रही हैं, नहीं तो विपक्ष तो हताश और निराश था। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने जनता को ज्यादा निराश किया है। वैसे भी उनका लोकतंत्र में कभी विश्वास नहीं रहा है और वे मानती हैं कि राजस्थान की जनता सिंधिया राजपरिवार को वोट देती है और भाजपा वहां के चुनाव में एक तड़का है, जिससे राजस्थान में भगवा फहर जाता है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपने काम के बल पर सत्ता में वापसी करते आ रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और राजस्थान के उपचुनावों में भाजपा की पराजय ने न केवल विपक्ष को मौका दे दिया, अपितु जनता भी उनसे निराश लग रही है। अटल बिहारी वाजपेयी का महाप्रयाण इन तीनों राज्यों में भाजपा को जिताने का काम करने जा रहा है। कहा जा सकता है कि यहां की जीत में अटलजी और नरेंद्र मोदी ही कारगर सिद्ध होने जा रहे हैं।
भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी यही विश्वास है कि अभी तक तो इन तीनों राज्यों में सभी को नरेंद्र मोदी के कंधों पर भरोसा था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के महाप्रयाण ने भाजपा को स्वीप दिशा की ओर बढ़ा दिया है। हरिद्वार से अटलजी की अस्थियों का विसर्जन प्रारंभ हो चुका है, जो श्रद्धांजलि पूर्वक देशभर की नदियों में होगा, जिससे भाजपा को अपना चुनावी माहौल बनाने में सफलता मिलेगी और यह महाप्रयाण 2019 तक अपना चमत्कार दिखाता रहेगा। सभी ने देखा है कि उत्तराखंड के देवस्थान हरिद्वार में जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अटलजी की दत्तकपुत्री नमिता भट्टाचार्य, भाजपा के क्षेत्रीय छत्रप एवं कार्यकर्ता अटलजी की अस्थियां लेकर पहुंचे तो उन्हें श्रद्धांजलि देने को हरिद्वार में जनसैलाब उमड़ पड़ा। यह जनसैलाब अब केवल हरिद्वार में नहीं, बल्कि देशभर में दिखाई देगा और भाजपा का उन्हें देश के महानगरों, नगरों शहरों कस्बों एवं गांव-गांव तक लेकर जाने का अटल इरादा है। याद कीजिएगा कि 2014 में भाजपा के चमत्कारी नेता नरेंद्र मोदी का देश की जनता पर जादू चल रहा था और अटल बिहारी वाजपेयी शैय्या पर थे। भाजपा के और भी नेता उस चुनाव में गौण हो गए थे और उत्तर भारत में मोदी लहर में जो भाजपा का टिकट पा गया, वह लोकसभा चुनाव जीत गया। अपवाद को छोड़कर भाजपा अपने इस विशाल वोटबैंक को संभाल नहीं पाई है, उपचुनाव, गुजरात और कर्नाटक तक में जिसका साफ असर दिखाई दिया है।
अटल बिहारी वाजपेयी का महाप्रयाण तीन राज्यों एवं 2019 में भाजपा के लिए एक चमत्कार के रूपमें दिखाई देगा, इसे बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित मान रहे हैं। उनको देश की श्रद्धांजलि विफल नहीं जाएगी। भाजपा ने इसका पूरा लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है, रही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीतियों और नरेंद्र मोदी के चमत्कार की बात तो वह भी अभी भी अपना पूरा असर दिखाएगा, यही कारण है कि कहा जाने लगा है कि मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की वापसी सुनिश्चित सी हो गई है। इन तीन राज्यों से जो नई राजनीतिक खबरें आ रही हैं, उनमें यह खबर महत्वपूर्ण है कि भाजपा की संभावित पराजय से भयभीत भाजपा के जो नेता कांग्रेस या महागठबंधन में अपना जुगाड़ खोज रहे थे, उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि ने भाजपा में रोक दिया है, बल्कि तीनों राज्यों में भाजपा का टिकट पाने की होड़ लग गई है। कहना न होगा कि राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी की भाग्य रेखा भी बड़ी प्रबल है। नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा का भाग्यरथ चल दिया है, जो अब रुकने वाला नहीं लगता है। अपवादों को छोड़कर भाजपा के लिए भाग्य छींका टूट ही जाता है और इसबार भी यही हुआ। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव सरपर हैं और विजय दिलाने केलिए सामने अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि खड़ी हुई है, जो 2019 में अपना प्रभाव दिखाएगी।