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Tuesday 21 August 2018 12:59:24 PM
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति और संसद के द्वितीय सदन राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संयुक्त रूपसे बाढ़ प्रभावित केरल राज्य में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए संसद के सदस्यों से सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना फंड में योगदान देने की अपील की है। उन्होंने एमपीलैड निधियों से केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उदारतापूर्वक दान देने का आग्रह करते हुए सांसदों से कहा कि इसके लिए वे अपना एक महीने का वेतन दें। ग़ौरतलब है कि संसद के दोनों पीठासीन अधिकारियों ने भी केरल में राहत कार्य के लिए एक महीने का अपना वेतन देने की घोषणा की है।
उपराष्ट्रपति के सरकारी निवास पर केरल राज्य में भयावह बाढ़ से हुए भारी नुकसान के बारे में विचार-विमर्श किया गया। वेंकैया नायडू और सुमित्रा महाजन ने सांसदों को अवगत कराया कि बाढ़ के कारण केरल के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई है और लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि केरल में संपत्ति को नुकसान के अतिरिक्त हजारों लोग फंसे पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि केरल में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने इसे ‘गंभीर प्रकृति’ की आपदा घोषित किया है। उन्होंने बताया कि संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के दिशा-निर्देशों के पैराग्राफ 2.8 में कहा गया है कि सरकार यदि किसी आपदा को ‘गंभीर प्रकृति’ की आपदा घोषित करती है तो संसद सदस्य राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये का योगदान कर सकते हैं। दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जिस दिन से संसद सदस्य ऐसा योगदान करेंगे, उसी दिन से संबंधित अधिकारी को एक महीने के अंदर राहत कार्यों को चिन्हित करना होगा और इसपर आठ महीने के अंदर अमल करना होगा। दोनों पीठासीन अधिकारियों ने कहा कि हम संसद के सभी सदस्यों से एमपीलैड निधि से केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए धन देने की अपील करते हैं, यह एमपीलैड दिशा-निर्देशों के अंतर्गत अनुमति योग्य है।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू और सुमित्रा महाजन ने कहा कि हम दोनों ने इस नेक और मानवीय कार्य के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में अपना एक महीने का वेतन देने का निर्णय लिया है और हम संसद के सभी सदस्यों से भी एक महीने का वेतन देने पर विचार करने की अपील करते हैं। उनका कहना है कि वे उदार सहायता देने के लिए राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को पत्र लिखेंगे, जिसमें आज की गई संयुक्त अपील को संलग्न किया जाएगा। वेंकैया नायडू के निर्देश पर राज्यसभा सचिवालय ने इस महीने की 16 तारीख को केरल में आपदा के आकार के सरकारी मूल्यांकन के बारे में गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था और सरकार ने भी स्पष्ट किया था कि केरल में बाढ़ एवं भूस्खलन की भयावह स्थिति को देखते हुए सभी व्यावहारिक उद्देश्य के लिए यह आपदा ‘गंभीर प्रकृति’ की आपदा है। वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की। हरिवंश एमपीलैड समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने नुकसान की गंभीरता के बारे में राज्यसभा के पूर्व उपसभापति प्रोफेसर पीजे कुरियन से भी बातचीत की थी। प्रोफेसर पीजे कुरियन इस समय केरल में हैं।