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'जापान की मुक्त व खुली भारत-प्रशांत रणनीति'

'भारत-जापान की ग्लोबल साझेदारी विशेष और रणनीतिक'

भारत और जापान के रक्षामंत्रियों की मंत्रिस्तरीय बातचीत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 21 August 2018 03:42:22 PM

annual ministerial dialogue of defense ministers of india-japan

नई दिल्ली। भारत की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के निमंत्रण पर भारत यात्रा पर आए जापान के रक्षामंत्री इत्सुनोरी ओनोदेरा ने दिल्ली में भारत-जापान के रक्षामंत्रियों की वार्षिक मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों एवं भारत के सैन्य प्रमुखों से बातचीत की। इससे पहले जापान के रक्षामंत्री इत्सुनोरी ओनोदेरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। बैठक में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और जापान के रक्षामंत्री ने इस बात पर गौर किया कि जापान और भारत के प्रधानमंत्रियों ने सितंबर 2017 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ाने के लिए रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के महत्व पर बल दिया था।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और जापान के रक्षामंत्री ने रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने इस बात को साझा किया कि जापान-भारत विशेष रणनीतिक और ग्लोबल साझेदारी के अंतर्गत दोनों देशों के लिए रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाना अत्‍यावश्‍यक है, जो मिलकर कार्य करने के लिए ‘जापान की मुक्त और खुली भारत-प्रशांत रणनीति’ को भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ से साझा उद्देश्यों को हासिल करने से जोड़ता है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और जापान के रक्षामंत्री का मानना था कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में शांति और स्थिरता आवश्यक है। दोनों रक्षामंत्रियों ने कोरिया प्रायद्वीप के घटनाक्रम सहित क्षेत्र में वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने जापान के चीफ ऑफ स्टॉफ और ज्वाइंट स्टॉफ के बातचीत में भाग लेने का स्वागत किया, जो जापान के रक्षा मंत्रालय की ओर से बातचीत में पहली भागीदारी थी। दोनों रक्षामंत्रियों ने समुद्र में सुरक्षा की दिशा में सहयोग बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई और जापान नौवहन आत्मरक्षा बल और भारतीय नौसेना के बीच गहरे सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने की दिशा में मिलकर कार्य करने का स्वागत किया। उन्होंने भारत-जापान के रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच हर स्तरपर नियमित बातचीत करने, अधिक ठोस और प्रभावी आधार बनाने, नौवहन और वायु सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की। दोनों रक्षामंत्रियों का मानना था कि संस्थागत बातचीत और एक दूसरे के देशों की यात्राएं, जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स और भारतीय सेना के बीच आदान-प्रदान, जापान नौवहन आत्मरक्षा बल और भारतीय नौसेना के बीच आदान-प्रदान, जापान वायु आत्मरक्षा बल और भारतीय वायुसेना के बीच आदान-प्रदान, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में आदान-प्रदान, रक्षा उपकरण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया जा सकता है।

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