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Tuesday 21 August 2018 06:20:00 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 23 अगस्त को दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2018 का उद्घाटन करेंगे। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री केजे अल्फोंस उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन का आयोजन पर्यटन मंत्रालय ने महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया है। सम्मेलन 26 अगस्त तक चलेगा। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान मंत्रालय अपनी वेबसाइट landofbuddha.in की शुरुआत करेगा। इस मौके पर देश में बौद्ध स्थलों के बारे में एक नई फिल्म भी दिखाई जाएगी और 24 से 26 अगस्त तक प्रतिनिधियों को औरंगाबाद, राजगीर, नालंदा, बोधगया और सारनाथ भ्रमण पर ले जाया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, म्यांमार और श्रीलंका के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, कम्बोडिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, जापान, लाओ पीडीआर, मलेशिया, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, नार्वे, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्लोवाक गणराज्य, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, थाइलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम सहित 29 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे। गौरतलब है कि भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय दो वर्ष में एकबार अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन करता है। इससे पहले फरवरी 2004 में दिल्ली और बोधगया में फरवरी 2010 में, नालंदा और बोधगया में, सितम्बर 2012 में वाराणसी और बोधगया में, सितम्बर 2014 में बोधगया और वाराणसी में तथा अक्टूबर 2016 में सारनाथ वाराणसी और बोधगया में इसका आयोजन किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक, कूटनीतिक और व्यावसायिक महत्व है। पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध धर्म से जुड़े विभिन्न पंथों, विद्वानों, जननेताओं, पत्रकारों और अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलू टूर ऑपरेटरों को आमंत्रित किया है, ताकि देश के बौद्ध सर्किट में दुनिया के दूसरे भागों के लोगों की संख्या बढ़ सके। आसियान क्षेत्र और जापान सहित बौद्ध आबादी वाले देशों से इस सम्मेलन में भागीदारी का बेहद महत्व है। विदेशों में भारतीय दूतावासों ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के लिए प्रमुख बौद्ध विद्वानों, भिक्षुओं, विचारकों की और विदेशों में भारतीय पर्यटन कार्यालयों ने सम्मेलन के लिए टूर संचालकों एवं पर्यटन पर सक्रिय मीडिया की भी पहचान की है। सम्मेलन में पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकारें अपनी प्रस्तुतियां देंगी। विद्वानों और बौद्ध भिक्षुओं के बीच विचार-विमर्श और विदेशी एवं भारतीय टूर ऑपरेटरों के बीच बैठकें होंगी। मंत्रालय ने सम्मेलन के दौरान निवेशकों का सम्मेलन भी आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि विश्वस्तर के बौद्ध स्थलों का निर्माण करने के लिए निवेश को आकर्षित किया जा सके।
भारत में समृद्ध प्राचीन बौद्ध स्थल हैं, जिनमें से अनेक महत्वपूर्ण स्थल भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े हैं। एक अनुमान के अनुसार इस समय दुनियाभर में करीब 500 मिलियन बौद्ध हैं, जिनमें से अधिकांश पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और सुदूरपूर्व देशों में रहते हैं। इनमें से बहुत मामूली प्रतिशत हर वर्ष भारत के बौद्ध स्थलों को देखने आता है, इसलिए इस सम्मेलन से बौद्ध स्थलों की यात्रा के लिए और अधिक पर्यटकों के प्रोत्साहित होने और आने की संभावना है। प्राचीन भारत ने दुनिया को बेशकीमती तोहफे के रूपमें बुद्ध और उनका दिखाया हुआ मार्ग दिया है। भगवान बुद्ध की असाधारण शिक्षाएं, शांति, खुशहाली और सौहार्द का संदेश देती हैं, दूसरी तरफ यह बौद्ध विरासत के आठ महान स्थानों को दर्शाती हैं। इन आठों स्थानों का संबंध भगवान बुद्ध के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं, उनके जन्म, ज्ञान, पीड़ित मानवता के लिए धम्म शिक्षा और उनके महापरिनिर्वाण और भारत से है।