स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 3 September 2018 01:58:09 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के शुभारंभ पर कहा है कि इसके जरिए देशभर में सबसे दूरस्थ स्थानों और वहां रहने वाले लोगों तक बड़ी आसानी से बैंकिंग सेवाएं पहुंचेंगी। उन्होंने स्मरण कराया कि केंद्र सरकार ने वित्तीय समावेश सुनिश्चित करने के लिए ही वह जन धन योजना शुरू की थी। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी का शुभारंभ किया जाना इस उद्देश्य की पूर्ति करने की दिशा में एक और अहम कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईपीपीबी की शाखाएं 650 जिलों में खोली गई हैं। यह समारोह देशभर में 3000 से भी अधिक उन स्थानों पर लाईव देखा गया, जो दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि डाकिया लंबे समय से गावों में एक सम्मानित और स्वीकार्य व्यक्ति रहा है, वह आज भी प्रिय और सराहनीय है, जिसपर आधुनिक तकनीकों के बावजूद लोगों का भरोसा बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने आईपीपीबी को नई बैंकिंग क्रांति का नाम दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण मौजूदा ढांचों एवं संरचनाओं में सुधार सुनिश्चित करना है, इसलिए बदलते समय के अनुसार उनमें बदलाव लाना ही है, सो इसमें भी रचनात्मक एवं कार्यात्मक बदलाव लाया गया है, जिसे जनसामान्य में खूब पसंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में 1.5 लाख से भी अधिक डाकघर और तीन लाख से भी ज्यादा डाकिया या ‘ग्रामीण डाक सेवक’ हैं, जो देश के लोगों से जुड़े हुए हैं और डाक सेवाओं के जरिए उनकी सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब लोगों को वित्तीय सेवाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से उन्हें स्मार्टफोन और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा। आईपीपीबी के फायदे गिनाते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह धन हस्तांतरण, सरकारी लाभों के हस्तांतरण और बिल भुगतान के साथ-साथ निवेश एवं बीमा जैसी और भी सेवाएं सुलभ कराएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 3 लाख डाक सेवक हर घर और हर किसान के साथ-साथ हर छोटे उद्यम को भी वित्तीय सेवाएं सुलभ कराने में अत्यंत अहम साबित होंगे।
डाकिया की कंठमुक्त प्रशंसा करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि पत्र वितरण के साथ-साथ लोगों के घरों के दरवाजे पर आईपीपीबी की सेवाएं भी सुलभ कराएंगे। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी डिजिटल लेन-देन की सुविधा प्रदान करेगा और इसके साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी विभिन्न स्कीमों के लाभ प्रदान करने में मदद करेगा, जिसके तहत किसानों को सहायता मुहैया कराई जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से ही अंधाधुंध ऋण दिए जाने के कारण केंद्र सरकार भारत के बैंकिंग क्षेत्र में उत्पन्न हुई विकृतियों और समस्याओं से पूरी दृढ़ता के साथ निपट रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा ऋणों की समीक्षा की गई है और बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में प्रोफेशनल नज़रिया अपनाया गया है। उन्होंने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक’ जैसे अन्य कदमों का भी उल्लेख किया, जिन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि दोषी लोगों को दंडित किया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वरोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए ग़रीब और मध्यम वर्ग को 13 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक के ‘मुद्रा’ ऋण दिए गए हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एशियन गेम्स में अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और अर्थव्यवस्था के विकास के आंकड़े अत्यंत उत्कृष्ट रहने से पूरा देश नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है, जो लोगों के सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि आज भारत न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि वह एक ऐसा देश बनकर उभरा है, जो सबसे तेजी से ग़रीबी उन्मूलन कर रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि हाल के महीनों में डाक सेवकों के कल्याण और उनकी लंबित मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, इन कदमों की बदौलत डाक सेवकों के वेतन में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईपीपीबी अगले कुछ महीनों में देशभर में फैले 1.5 लाख से भी अधिक डाकघरों तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि डाक सेवाओं के अभिनव विस्तार के पीछे भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों और डाक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों का बड़ा योगदान है, जिन्होंने अपने विजन से इस सेवा की लोकप्रियता में उत्तरोत्तर वृद्धि की है।