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Monday 3 September 2018 04:29:24 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम वेंकैया नायडु के उपराष्ट्रपति पद पर एक वर्ष पूरे होने पर पुस्तक 'मूविंग ऑन, मूविंग फॉरवर्ड-ए ईयर इन ऑफिस' के विमोचन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने उपराष्ट्रपति को पुस्तक की पहली प्रति भी प्रस्तुत की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें कई वर्ष वेंकैया नायडु के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि वेंकैया नायडु ने हमेशा ही अन्य सभी बातों से ऊपर काम पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेंकैया नायडु को जो भी जिम्मेदारी दी गई, उसका उन्होंने अत्यधिक कर्मठता के साथ निर्वहन किया और उस भूमिका के साथ सरलता के साथ अपना तालमेल बिठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेंकैया नायडु लगभग 50 वर्ष से सार्वजनिक जीवन में हैं इनमें 10 वर्ष छात्र राजनीति के और 40 वर्ष राज्य एवं राष्ट्रीय राजनीति के हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वेंकैया नायडु के पास सभी वर्गों के लोगों के साथ आत्मीय बन जाने की योग्यता है और इसके साथ वे अनुशासनवादी भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेंकैया नायडु को जैसी भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है, वह उसे एक विजनरी नेतृत्व प्रदान करते हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए सौंपे गए कार्य के साथ पूरा न्याय हो, वह सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों की सेवाएं लेते हैं। प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि जब अटल बिहारी वाजपेयी अपने मंत्रिमंडल में वेंकैया नायडु को शामिल करना चाहते थे, तब उन्होंने उनसे ग्रामीण विकास मंत्रालय का पोर्टफोलियो दिए जाने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेंकैया नायडु दिल से एक किसान हैं और किसानों एवं कृषि के कल्याण को लेकर भावुक हैं। उन्होंने कहा कि केवल वेंकैया नायडु के प्रयासों के फलस्वरूप ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अस्तित्व में आई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब राजनीतिक चर्चा केवल रेलगाड़ियों के स्टॉपेज के इर्दगिर्द ही केंद्रित रहती थी, वेंकैया नायडु ने यह सुनिश्चित किया कि नेता सड़कों एवं संपर्क के अन्य माध्यमों के बारे में भी सोचें। नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु की भाषण कला एवं उनके शब्दों की सराहना की, चाहे वह अंग्रेजी में हों या फिर तेलुगू में। उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि उपराष्ट्रपति ने कार्यकाल के अपने प्रथम वर्ष के बारे में एक प्रकार का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है, जिसमें संसद के भीतर एवं संसद के बाहर दोनों ही जगहों पर किए गए उनके समृद्ध कार्यों का वृतांत समावेशित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडु की एक ऐसे व्यक्ति के रूपमें व्याख्या की जो आम लोगों के जीवन में सुधार लाने के लक्ष्य के साथ समग्र विजन से प्र्रेरित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां कई लोग वेंकैया नायडु की ऊर्जा एवं जीवंतता के लिए सराहना करते हैं, वहीं वह खुद यह देखकर आश्चर्यचकित हैं कि किस प्रकार वे राज्यसभा का संचालन करने के दौरान खुद पर नियंत्रण रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडु की समयबद्धता और अनुशासन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेंकैया नायडु ने लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान काफी सीखा और दूसरों को भी सिखाया।
विमोचन समारोह में उपस्थित एचडी देवगौड़ा ने कहा कि वेंकैया नायडु सदन के सभी वर्गों के हितों की सुरक्षा करते हुए राज्यसभा के संचालन में सर्वश्रेष्ठ तरीके से काम कर रहे हैं। डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि वेंकैया नायडु के पास विशाल राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव है और उनके कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर यह भली भांति प्रदर्शित हुआ है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वेंकैया नायडु के कार्यकाल के प्रथम वर्ष पर पुस्तक एक वृतांत है कि किस प्रकार साधारण वर्ग का कोई व्यक्ति इतनी ऊंचाईयों तक पहुंच सकता है और प्रभावी नेतृत्व दे सकता है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वेंकैया नायडु के साथ अपने 45 वर्ष पुराने संबंध का स्मरण करते हुए कहा कि वेंकैया नायडु के साथ सबसे विशिष्ट बात यह है कि वह बिना एक दिन का भी विश्राम किए साल के 365 दिन 24 घंटे कार्य करने वाले व्यक्ति हैं और किसानों के प्रति बहुत अधिक प्रतिबद्ध हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा भी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर मंच पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडु ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से नीति निर्माताओं के लिए सदन के भीतर एवं सदन के बाहर एक आचार संहिता का निर्माण करने को कहा जिससे कि संसदीय संस्थानों के प्रति लोगों के विश्वास को बहाल किया जा सके और व्यवस्थापिका का सुचारु कामकाज हो सके। उन्होंने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर राजनीतिक विचारधाराओं से आगे बढ़कर एक साथ आने की भी अपील की। वेंकैया नायडु ने देश में विधायकों की कार्यप्रणाली के बारे में चिंता जताई। उन्होंने पुस्तक को वर्षभर के दौरान उनके मिशन एवं इसके परिणामों को लेकर लोगों के प्रति इसे एक रिपोर्ट बताया, क्योंकि वह पिछले वर्ष 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हुए थे। इस पर जोर देते हुए कि कृषि देश की मूलभूत संस्कृति है, वेंकैया नायडु ने संसाधन आवंटन में किसानों को प्राथमिकता देने की अपील की, जिससे कि उन्हें लाभदायक कृषि एवं एक मजबूत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।