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Wednesday 5 September 2018 12:48:06 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री आवास पर आए राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2017 के सम्मान प्राप्त शिक्षकों से मिले और उनके साथ बातचीत में अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री ने देश में शिक्षा की गुणवत्ता को और ज्यादा बेहतर करने की दिशा में उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने शिक्षा के प्रति समर्पण के साथ-साथ इसे जीवनमंत्र बनाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक आजीवन ज्ञान की धारा से जुड़ा रहता है। प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान शिक्षकों से शिक्षक समुदाय को एकजुट करने और शिक्षकों को स्कूलों के सुव्यवस्थित विकास का एक अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिक्षाविशारदों को गुरु एवं शिष्य की प्राचीन परंपरा को फिर से स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि विद्यार्थी अपने शिक्षकों का आजीवन स्मरण करें। उन्होंने शिक्षकों से विशेषकर ग़रीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों की अंतर्निहित प्रतिभा को निखारने की दिशा में काम करने का आह्वान भी किया। उन्होंने शिक्षकों को स्कूलों एवं उसके आसपास के माहौल में डिज़िटल बदलाव लाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करते हुए शिक्षकों ने स्कूलों को शिक्षण एवं उत्कृष्टता केंद्र में तब्दील करने से जुड़ी प्रेरणादायक गाथाएं सुनाईं।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए शिक्षकों के चयन से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधन किए थे। नई योजना में स्व-मनोनयन की परिकल्पना की गई है और यह प्रमुख राष्ट्रीय पुरस्कारों में हालिया नवाचारों से प्रेरित है। यह योजना पारदर्शी एवं निष्पक्ष है और इसके तहत उत्कृष्टता एवं बेहतरीन प्रदर्शन को पुरस्कृत किया जाता है। शिक्षकों ने नई ऑनलाइन मनोनयन प्रक्रिया के साथ-साथ डिज़िटल इंडिया जैसी योजनाएं लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि ये देशभर में स्कूली शिक्षा में व्यापक गुणात्मक बदलाव ला रही हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने भी शिक्षक दिवस पर देशभर के शिक्षकों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बधाई संदेश में कहा है कि हमारी संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, यह हमारा सौभाग्य है कि जिज्ञासु शिष्यों को सत्य का ज्ञान देने वाले महान गुरु हमारी सभ्यता को प्राचीनकाल से ही समृद्ध करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हैं, जिनका एक प्रख्यात विद्वान और शिक्षक के रूपमें शिक्षा जगत को अमूल्य योगदान है। उन्होंने कहा कि इस पावन दिवस पर हम यह कामना करते हैं कि हमारे शिक्षक शांतिपूर्ण, समृद्धशाली और सुखमय राष्ट्र तथा विश्व का निर्माण करने में सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करते रहें।