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गांधीजी की 'नई तालीम' अनुभवजन्य शिक्षा

जावड़ेकर ने 13 भाषाओं में जारी किया एक नया पाठ्यक्रम

मंत्री ने दी महात्मा गांधी राष्ट्रीय शिक्षा परिषद को बधाई!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 6 September 2018 02:03:04 PM

anubhavajany shiksha-gandhiji kee naee taaleem paathyakram jaaree

नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में 'अनुभवजन्य शिक्षा-गांधीजी की नई तालीम' पाठ्यक्रम जारी किया है। इस पाठ्यक्रम को एक साथ 13 भाषाओं में जारी किया गया, जिनमें असमी, तमिल, बांग्ला, उड़िया, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, मराठी, तेलगू, गुजराती, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी शामिल हैं। इसके लिए देश के विश्वविद्यालयों सहित राज्य शिक्षण अनुसंधान एवं परिषदों के साथ परामर्श किया गया था। प्रकाश जावड़ेकर ने इस अवसर पर कहा कि हम अनुभवजन्य शिक्षा को शिक्षा के सभी स्तरों तक पहुंचाना चाहते हैं, जिसमें राज्यों एवं समस्त हितधारकों को शामिल किया जाएगा।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि गांधीजी ने कहा था कि शिक्षा से मेरा तात्पर्य बालक और व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा से सर्वोत्तम क्षमता विकसित करना है। प्रकाश जावड़ेकर ने अनुभवजन्य शिक्षा के पाठ्यक्रम को आकार देने में सभी हितधारकों को शामिल करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय शिक्षा परिषद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह पर देशभर में नई तालीम और अनुभवजन्य शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा संस्थानों में आंदोलन की शुरूआत की जा रही है और शिक्षक दिवस के मद्देनजर एक्सपीरियंशल लर्निंग-गांधीजी नई तालीम को जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आशा की जा रही है कि इस पुस्तक से देश के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले 25 करोड़ छात्रों को प्रेरणा मिलेगी, इसके अलावा 80 लाख प्राथमिक स्कूल के शिक्षक और 20 लाख माध्यमिक स्कूल शिक्षक भी इसके दायरे में आएंगे।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पुस्तक में गांधीजी की नई तालीम के बुनियादी सिद्धांत प्रस्तुत किए गए हैं, जिसके साथ स्कूलों, डी-एड, बी-एड और अध्यापकों के विकास कार्यक्रमों से संबंधित पाठ्यक्रम भी दिया गया है। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पुस्तक और इस परियोजना के लिए राज्यों के विश्वविद्यालयों, राज्य शिक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद ने संयुक्त प्रयास किया है। उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्चशिक्षा विभाग का अंग है, जो पाठ्यक्रम के विकास, शिक्षकों के प्रशिक्षण, विश्वविद्यालयों और देश की स्वायत्तशासी संस्थाओं के उच्चशिक्षा कार्यक्रमों का दायित्व निभाता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी की नई तालीम या बुनियादी शिक्षा वास्तव में शरीर, मन और आत्मा के विकास का माध्यम है।

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