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Friday 08 March 2013 06:40:06 AM
लखनऊ। सीएसआईआर, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने चेतना संस्थान अलीगंज लखनऊ के मंदबुद्धि बच्चों के लिए 7-8 मार्च 2013 को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जो जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) विभाग भारत सरकार से वित्त पोषित है। एनबीआरआई के निदेशक डॉ चंद्रशेखर नौटियाल के निर्देशन में मानसिक रूप से दुर्बल विद्यार्थियों ने निर्जलीकृत फूलों व पौधों की सहायता से उपहार में दी जा सकने वाली वस्तुएं तथा कार्ड आदि बनाना सीखा। यह रोज़गार परक कार्यक्रम भविष्य में उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा। लगभग 40 विद्यार्थियों तथा अध्यापक, अध्यापिकाओं ने कार्यक्रम में यह तकनीक सीखी।
प्रारंभिक सत्र में संस्थान के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ अवधेश कुमार द्विवेदी ने प्रतिभागियों को संबोधित कर कार्यक्रम के आयोजित किए जाने तथा संस्थान के इसी प्रकार के कार्यक्रमों के विषय में चर्चा की। डीबीटी प्रोजेक्ट की इंवेस्टिगेटर तथा एनबीआरआई की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कमला कुलश्रेष्ठ ने कार्यक्रम के कार्यांवयन की रूप-रेखा तैयार की तथा इसका संचालन भी किया। एनबीआरआई से कुमारी शुभ्रा मिश्रा (परियोजना सहायिका), आलोक कुमार (तकनीकी अधिकारी), कृपा शंकर पांडेय (तकनीकी सहायक) ने कार्यक्रम को मूर्त रूप देने में सहायता की। आठ मार्च 2013 को विद्यार्थियों ने पेपर वेट तथा त्रिज्यामितीय सजावटी वस्तुएं बनाना सीखा। कुछ सीनरी व बधाई कार्ड भी बनाने में उन्होंने रुचि दिखाई। जो भी वस्तुएं उन्होंने बनाईं, उन्हें बच्चों के लिए चेतना संस्थान में ही रखवा दिया गया, ताकि वह उनके लिए उन्हीं के विद्यालय के किसी महत्वपूर्ण अवसर पर काम आएं।
प्रतिभागी बच्चों को 4 टुकड़ियों में बांटा गया था, जिनके निर्देशन के लिए एक ग्रुप में 2 अध्यापक चयनित किए गए थे। सभी ग्रुप ने सीएसआईआर, एनबीआरआई के इस कदम को बहुत बहुत सराहा। कुछ विद्यार्थी जो सुनने की क्षमता तो अंशमात्र भी नहीं रखते थे, परंतु सबसे आकर्षक कार्ड उन्होंने ने ही बनाए। संस्थान की प्रधान अध्यापिका प्रतिमा चड्ढा, अध्यापिका मंजू नाथ, अंजना मिश्रा अध्यापक नहीद श्रीवास्तव प्रशिक्षण आयोजन में बहुत सहायक बनी और यह कार्यक्रम सफल हो सका।