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Friday 7 September 2018 04:38:27 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राजधानी दिल्ली में वर्ष 2017-18 के लिए सीबीएसई संबद्ध स्कूलों के 37 शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान एवं कक्षा शिक्षण में नवाचारों के लिए सम्मानित किया। उपेंद्र कुशवाहा ने देशभर के शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि समाज में उनकी भूमिका अद्वितीय है, क्योंकि एक शिक्षक का सकारात्मक प्रभाव विद्यार्थियों के मन-मस्तिष्क पर अनंतकाल तक कायम रहता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को विद्यार्थियों के चेतन में आत्मसात कराते हुए शिक्षा को मानवीय स्वरूप प्रदान करने की जरूरत है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों का सामना करने, समाज में अच्छी प्रथाओं को लागू करने और विद्यार्थियों को अच्छी तरह से शिक्षित करने में सक्षम होना चाहिए, क्योंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव रीना रे भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का एक अहम लक्ष्य भविष्य के लिए आत्मविश्वास से भरे छात्रों को तैयार करना और उन्हें सामाजिक रूपसे जवाबदेह, गुणवान एवं उन्हें अभिनव विचारकों में तब्दील करना है, जबकि शिक्षा सुगम एवं न्यायसंगत होनी चाहिए और इसके जरिए उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवल ने कहा कि समूचा विश्व शिक्षकों का ऋणी है, क्योंकि वे राष्ट्र एवं वैश्विक समाज का निर्माण करते हैं और शिक्षण एवं मार्गदर्शन के जरिए अंसख्य विद्यार्थियों के जीवन को विशिष्ट स्वरूप प्रदान करते हैं। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों को यह सम्मान दरअसल उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और निःस्वार्थ भावना का प्रतीक है। गौरतलब है कि सीबीएसई ने लीक से हटकर पहलीबार सीबीएसई पुरस्कार 2017-2018 के लिए प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों से हस्तलिखित आवेदन देने के बजाय ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे।
सीबीएसई बोर्ड ने क्षेत्रीय समितियों के बजाय राष्ट्रीयस्तर की स्क्रीनिंग समिति का गठन किया था, जिसने प्रमुख आधार पर सम्मान हेतु शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों का चयन किया। सीबीएसई पुरस्कार 2017-2018 की सभी श्रेणियों के लिए सामान्य मानदंडों में अकादमिक योग्यता, विद्वत्तापूर्ण योगदान, कार्यात्मक शोध, पाठ्यक्रम, सामुदायिक एवं विद्यार्थी विकास संबंधी उपलब्धियां और विशिष्ट मानदंडों में एक शिक्षक के रूपमें प्रभावशीलता, सुधारात्मक शिक्षण, शिक्षक का अहम योगदान और आमने-सामने बैठकर बातचीत या संवाद प्रमुख रूपसे शामिल थे। सम्मान प्राप्तकर्ताओं में प्रधानाध्यापकों के अलावा प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षक भी शामिल थे। पहलीबार सार्वजनिक प्रदर्शन कला, विशेष शिक्षाविशारदों, स्कूल परामर्शदाताओं, व्यावसायिक, व्यायाम शिक्षा और आईटी शिक्षकों के लिए भी पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक शिक्षक को सम्मान स्वरूप उत्कृष्टता प्रमाणपत्र, शॉल एवं 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।