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Saturday 09 March 2013 07:49:40 AM
लखनऊ। स्त्री समाज की रीढ़ है, नारी शक्ति का सम्मान करने की सीख स्वामी विवेकानंद ने भी दी है, जो दूसरे की पीड़ा से रो सकते हैं, वही देशभक्त हैं, भेद से मुक्त होकर अपना सर्वस्व त्याग कर देश व मानवता की सेवा की जाए यही सबसे बड़ी देशभक्ति है। ये आदर्श बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की लखनऊ विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालय इकाई की समर्थ भारत प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह रामपाल त्रिवेदी इंटर कालेज गोसांईगंज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सह क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोजकांत ने कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य वही है, जो मनुष्य के दुख को बांटे। अपने समाज अपने धर्म एवं अपने देश के प्रति निंदा के लिए एक शब्द भी नहीं निकालना चाहिए। विवेकानंद ने भारत का विदेशों में मान बढ़ाया और देश में नए जीवन मूल्यों की स्थापना की।
महासंघ के अध्यक्ष एवं लविवि के वरिष्ठ प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि समर्थ भारत प्रतियोगिता का उद्देश्य भारत को सुख शांति समृद्धि से युक्त गौरवशाली और विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में खड़ा करना है, इंडिया दैट इज भारत गलत परंपरा है, भारत भारतीय जीवन मूल्यों के आधार पर ही विश्व की अगुवाई करेगा, हमें पश्चिम का अनुकरण करने की जरूरत नहीं है, जरूरत है अपने पुरूषार्थ से अपने आंतरिक शक्तियों को विकसित करने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं महामंत्री डॉ सुरेशपति त्रिपाठी ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि महासंघ देश का पहला संगठन है, जो छात्रहित, शिक्षक हित, समाज हित के समन्वित सूत्र पर आधारित प्राथमिक स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षकों का एक सशक्त संगठन है। साधन और साध्य में भेद करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ही देश के भविष्य हैं सही दिशा मिलने से यही देश के अभिमान बनेंगे।
समर्थ भारत प्रतियोगिता में कनिष्ठ एवं वरिष्ठ दोनों वर्गों में पांच-पांच अमेठी पब्लिक स्कूल पंचशील विद्यालय, अर्जुनगंज बाल विद्या मंदिर, आइडियल इंटर कालेज एवं रामपाल त्रिवेदी इंटर कालेज के 60 सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों एवं 22 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सभी ने अपनी प्रतिभा क्षमता का उपयोग समाज व देश के विकास में लगाने एवं जनसेवा राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया। सोनी शर्मा, विवेक कुमार पटेल, रेखा वर्मा, शिवराज वर्मा, प्रतीक्षाराय, शिवांश त्रिपाठी, सानिया बानो, सविता, साधना यादव को प्रथम पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दया शंकर त्रिपाठी, राकेश, विभव दीक्षित, एमके तिवारी, राम प्रकाश द्विवेदी, संजय कश्यप, उपेंद्र त्रिपाठी, प्रतिभा चौधरी, सुरेंद्र वर्मा, डॉ जनार्दन प्रसाद त्रिवेदी, आशाराम अवस्थी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरजपति त्रिपाठी ने किया एवं आभार ज्ञापन कोषाध्यक्ष डॉ हरनाम सिंह ने किया।