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Saturday 8 September 2018 06:13:47 PM
नई दिल्ली। वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था, आधारभूत ढांचा, युवाओं और अन्य दूसरे मामलों में भारत गतिशील बना हुआ है और अर्थव्यवस्था को चलाए रखने के लिए गतिशीलता एक प्रमुख कारक है। उन्होंने कहा कि गतिशीलता आर्थिक विकास को बढ़ा सकती है और रोज़गार के अवसरों का सृजन कर सकती है। प्रधानमंत्री ने सात 'सी' के आधार पर भारत में गतिशीलता के भविष्य की संकल्पना को व्यक्त किया। ये सात 'सी' हैं-कॉमन, कनेक्टेड, कनवीनिएंट, कनजेशन फ्री, चार्जड, क्लीन एवं कटिंग एज़। उन्होंने कहा कि मूव शिखर सम्मेलन का नाम आज के भारत की सोच को व्यक्त करता है और यह सच है कि भारत गतिमान है, हमारी अर्थव्यवस्था गतिमान है, हम विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे कस्बे एवं शहर गतिमान हैं, हम 100 स्मॉर्ट शहरों का निर्माण कर रहे हैं, हमारा बुनियादी ढांचा गतिमान है, हम सड़कों, हवाई अड्डों, रेल की पटरियों और बंदरगाहों का निर्माण तेज गति से कर रहे हैं, हमारी वस्तुएं गतिमान हैं, वस्तु एवं सेवाकर ने हमें हमारी आपूर्ति प्रणाली और भंडारगृहों के तंत्र को सुव्यवस्थित बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि हमारे सुधार गतिमान हैं, हमने भारत को ऐसे विकसित किया है कि जहां व्यवसाय करना सरल है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन गतिमान हैं, परिवारों को घर, शौचालय, धुंआ-मुक्त घरेलू गैस के सिलेंडर, बैंक खाते और कर्ज मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे युवा गतिमान हैं, हम बहुत तेजी से स्टार्टअप के लिए विश्व की राजधानी के तौर पर उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक नई ऊर्जा, लक्ष्य पर शीघ्र पहुंचने की इच्छा एवं उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि गतिशीलता के संबंध में विश्व आज एक नई क्रांति से गुजर रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि गतिशीलता को एक वृहद परिप्रेक्ष्य में समझा जाए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि गतिशीलता अर्थव्यवस्था के लिए एक अहम कारक है, बेहतर गतिशीलता परिवहन और यात्रा के ऊपर दबाव को कमकर सकती है और अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है, यह पहले से ही रोज़गार का एक बड़ा माध्यम है और अगली पीढ़ी के रोज़गार के अवसरों का सृजन कर सकती है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि गतिशीलता शहरीकरण की प्रक्रिया के केंद्र में है, जैसे मोटरचालित व्यक्तिगत वाहनों को हमेशा नई सड़कों, गाड़ी खड़ी करने के स्थानों और बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है, वैसे ही गतिशीलता 'जीवन को सरल' बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवयव है। उन्होंने कहा कि गतिशीलता हमारे ग्रह के संरक्षण की दृष्टि से भी अहम है, कॉर्बन डाइ ऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन का 20 प्रतिशत सड़क परिवहन से ही पैदा होता है, जोकि शहरों में घुटन का वैश्विक तापमान में वृद्धि का खतरा पैदा करता है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि गतिशीलता के एक ऐसे पारिस्थिकी तंत्र का निर्माण किया जाए, जिसका कि प्रकृति के साथ सामंजस्य हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध हमारी लड़ाई का अगला मोर्चा गतिशीलता ही है, बेहतर गतिशीलता बेहतर नौकरियां और एक बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध करा सकती है और जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकती है, यह खर्च घटा सकती है, आर्थिक गतिविधियों का विस्तार कर सकती है और धरती की रक्षा कर सकती है, इस प्रकार से यह जनजीवन के कार्यकलाप को व्यापक रूपसे प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि विशेषकर गतिशीलता का डिजिटलीकरण व्यापक परिवर्तन लाने वाला है, इसमें नई खोजों के लिए व्यापक संभावना है और यह अत्यधिक तीव्र गति से हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग पहले से ही टैक्सियों को फोन के जरिये मंगा रहे हैं, शहरों में साइकिल को साझा कर रहे हैं और बसें स्वच्छ ऊर्जा पर चल रही हैं, कारें बिजली की कारों में बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हम गतिशीलता पर बल दे रहे हैं, हमने राजमार्गों के निर्माण की गति को दोगुना तेज कर दिया है, ग्रामीण सड़क निर्माण कार्यक्रम में नई जान फूंक दी है, हम ईंधन की कम खपत वाले और स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिन क्षेत्रों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं, वहां पर सस्ती हवाई सेवाओं का विकास कर चुके हैं, हम सैकड़ों नए वायुमार्गों पर संचालन भी शुरू कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम परंपरागत साधनों रेल और सड़कों के अलावा जलमार्गों पर जोर दे रहे हैं, अपने शहरों, घरों, विद्यालयों एवं कार्यस्थल की दूरी को स्थानों के बेहतर चयन से कम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने आंकड़ों पर आधारित कामों की भी शुरुआत की है जैसे-बुद्धिमान यातायात प्रबंधन प्रणालियां, लेकिन हमें पदयात्रियों एवं साइकिल चलाने वालों को प्राथमिकता देकर और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदल रहे गतिशीलता के परिदृश्य में भारत की कुछ अंतर्निहित शक्तियां और तुलनात्मक फायदे हैं, हमारी शुरुआत नई है और हमारे पास गतिशीलता की ऐसी विरासत भी नहीं है जिसमें संसाधनों को ध्यान में नहीं रखा गया हो। उन्होंने कहा कि हमारे पास अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में प्रति व्यक्ति कम वाहन है अत: हम ऐसी अन्य अर्थव्यवस्थाओं के पिछले अनुभवों को नहीं ढो सकते। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन से हमें एकदम नए और समेकित मोबिलिटी मिश्रित नेटवर्क को स्थापित करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारी क्षमता सूचना प्रौद्योगिकी, बड़े आंकड़ों, डिजिटल भुगतानों और इंटरनेट सक्षम साझी अर्थव्यवस्था में निहित हैं, ये ही तत्व मोबिलिटी के वैश्विक भविष्य के संचालक हैं। उन्होंने कहा कि पहचान की हमारी अनोखी योजना आधार ने भारत की जनसंख्या को डिजिटल युग में लाने के लिए एक समेकित साफ्टवेयर मंच तैयार करने की विस्तृत सार्वजनिक डिजिटल संरचना तैयार की है, इसने हमारे 850 मिलियन नागरिकों को डिजिटल तौर पर अधिकार संपन्न बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत यह दिखा सकता है कि किस प्रकार से ऐसी डिजिटल संरचना को नए मोबिलिटी बिजनेस मॉडल के साथ जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर हमारा जोर यह सुनिश्चित करेगा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के पर्यावरण संबंधी लाभों को पूरी तरह हासिल किया जा सकता है, हमनें 2022 तक नवीनीकरण योग्य संसाधनों से 175 गीगावॉट ऊर्जा प्राप्त करने की योजना बनाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पहले से ही विश्व में सौर-ऊर्जा के पांचवें सबसे बड़े उत्पादक है, हम नवीकरणीय ऊर्जा के छठे सबसे बड़े उत्पादक भी हैं, हमने अतंर्राष्ट्रीय सौर संबंधों के जरिए वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा की हिमायत की है। उन्होंने कहा कि हमारे पास बड़ी संख्या में डिजिटल तौरपर साक्षर युवा आबादी है, यह भविष्य को मजबूत बनाने के लिए लाखों शिक्षित मस्तिष्क, कुशल हाथ और आकांक्षापूर्ण स्वप्न प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि कॉमन सार्वजनिक परिवहन हमारी मोबिलिटी पहल का आधार होनी चाहिए, डिजिटिलाइजेशन से तैयार नए बिजनेस मॉडल नई मिसाल कायम कर रहे हैं, बड़े आंकड़ों की मदद से हम अपने पैटर्न और जरूरतों को बेहतर तरीके से समझकर स्मार्ट फैसले करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान कारों से आगे अन्य वाहनों जैसे स्कूटरों और रिक्शा की तरफ केंद्रित होना चाहिए, विकासशील देशों का बड़ा तबका मोबिलिटी के लिए इन वाहनों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि कनेक्टेड मोबिलिटी में भौगोलिक दृष्टि के साथ-साथ परिवहन के तरीकों को जोड़ना शामिल है, इंटरनेट सक्षम जोड़ी गई साझी अर्थव्यवस्था मोबिलिटी के आधार के रूप में उभर रही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें निजी वाहनों के उपयोग में सुधार लाने के लिए वाहनों की पूलिंग और अन्य नवीन तकनीकी समाधानों की पूरी संभावना देखनी चाहिए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कनवीनिएंट मोबिलिटी का अर्थ है सुरक्षित, सस्ती और समाज के सभी वर्गों के लिए सुगम्य। उन्होंने कहा कि कनजेशन फ्री मोबिलिटी भीड़-भाड़ के आर्थिक और पर्यावरण संबंधी खर्च पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, अत: नेटवर्क की कमियों को समाप्त करने पर जोर दिया जाना चाहिए, इससे प्रचालन तंत्र और माल लाने-ले जाने में अधिक तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि चार्जड मोबिलिटी आगे बढ़ने का रास्ता है, हम बैटरियों से लेकर स्मार्ट चार्जिंग और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की मूल्य श्रृंखला में निवेश करना चाहते है, भारत के बड़े व्यवसायी अब बैटरी टेक्नोलोजी विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अंतरिक्ष में सेटेलाइटों के संचालन के लिए बेहतरीन बैटरी प्रणाली का उपयोग करता है, अन्य संस्थान इलेक्ट्रिक कारों के लिए लागत प्रभावी और सक्षम बैटरी प्रणाली विकसित करने के लिए इसरो से साझेदारी कर सकते है। हम भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के ड्राइवर के रूप में बनाना चाहते है, शीघ्र ही इलेक्ट्रिक तथा अन्य वैकल्पिक ईंधन वाहनों के लिए स्थायी नीति व्यवस्था बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विरासत के प्रति हमारी वचनबद्धता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह हमारा वायदा है। उन्होंने कहा कि कटिंग-ऐज़ इंटरनेट की तरह है, पिछले सप्ताहों में ‘मूव हैक’ तथा ‘पीच टू मूव’ जैसे आयोजन दिखाते हैं कि किस तरह आपका दिमाग सृजनात्मक समाधान के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को मोबिलिटी क्षेत्र को नवाचार के लिए अपार संभावनाओं वाले क्षेत्र के रूपमें देखना चाहिए, यह वह क्षेत्र है, जहां नवाचार लोक कल्याण के लिए समस्याओं के समाधान में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ‘मोबिलिटी रिवोल्युशन’ हमारी वृद्धि और विकास में सहायक है, जब भारत मोबिलिटी परिवर्तन करता है, तो इसका लाभ मानवता के पांचवे हिस्से को मिलता है, यह दूसरों के लिए दोहराने वाली सफलता गाथा है। उन्होंने कहा कि मैं भारत के युवाओं से अपील करूंगा कि यह नवाचार के नए युग का नेतृत्व करने का अवसर है, यह भविष्य है, यह वह क्षेत्र है, जिसमें डॉक्टर से लेकर इंजीनियर तथा मैकेनिक तक सब खप जाएंगे, हमें इस क्रांति को शीघ्र अपना लेना चाहिए और अपनी शक्तियों का लाभ उठाते हुए अपने तथा दूसरों के लिए मोबिलिटी नवाचार प्रणाली की अगुवाई करनी चाहिए।