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Wednesday 19 September 2018 12:24:31 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने ‘अखिल भारतीय पेंशन अदालत’ का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने किया था। राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में विभागों के लिए संस्थागत स्मृति संयोजित करने के कार्य में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए छह पेंशनभोगियों को अनुभव पुरस्कार 2018 प्रदान किए। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर ‘केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए सतत सुधारों का एक युग’ पुस्तिका का भी विमोचन किया, जिसमें नियमों के सरलीकरण और शिकायत पोर्टल को मजबूत करने एवं इसे उपयोगकर्ताओं के लिए अनुकूल बनाने के प्रयासों का उल्लेख किया गया है।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन अदालतों से मौके पर ही पेंशनभोगियों की शिकायतों का निवारण करने में मदद मिलेगी, इसके जरिए पेंशनभोगियों को जीवन निर्वाह में सुगमता का अधिकार दिया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्देश दिया है कि पेंशनभोगियों को अपनी शिकायतों के निवारण के लिए बाधामुक्त प्रशासनिक प्रणाली सुलभ कराई जानी चाहिए। उन्होंने राज्यों से यह अनुरोध किया कि वे केंद्र सरकार के सुशासन से जुड़े कदमों को लागू करें। पेंशनभोगियों से जुड़े शिकायत पोर्टल ‘सीपीईएनग्राम्स’ के फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर भारी-भरकम संसाधनों के साथ-साथ लोगों के बहुमूल्य समय की भी बचत की है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशनभोगियों की सहूलियत के लिए सरकार ने अनेक सुधार लागू किए हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनमें से एक प्रमुख पहल 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन तय करना है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कई अन्य पहल भी की गई हैं, जिनमें भविष्य, संकल्प, जीवन प्रमाण-डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र, पुराने कानूनों को समाप्त करना और स्वसत्यापन भी शामिल हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने निरंतर पीढ़ियों के लिए संस्थागत स्मृति संयोजित करने के उद्देश्य से तैयार अनुभव पोर्टल में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अनुभव योजना का शुभारंभ वर्ष 2015 में किया गया था।