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Wednesday 26 September 2018 01:30:49 PM
तिरुपति। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षा अपनी प्रासंगिकता खो रही है, क्योंकि इसे प्रमाणपत्र और ग्रेड प्राप्ति का मानक माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापरक क्रांतिकारी परिवर्तन होने चाहिएं, जो अपने देश की भविष्य की पीढ़ी का निर्माण कर सकें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों को भी अपने मस्तिष्क में करुणा और सेवा की भावना विकसित करनी चाहिए। उन्होंने ये विचार आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भारतीय विद्याभवन के श्रीवेंकटेश्वर विद्यालय में नवाचार तथा कौशल विकास गतिविधियों के अवलोकन के दौरान एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थी के रूपमें सभी को अपने जीवन में मूल्य स्थापित करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि उन्हें अपने माता-पिता, शिक्षकों और नागरिकों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को सामूहिक जिम्मेदारी की भावना के साथ देश के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए। वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि उन्हें युवावस्था से ही अच्छी पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पास व्यक्तित्व को निखारने के लिए अनेक पुस्तकें हैं और इन पुस्तकों में हमारे पुराने संतों, आधुनिक अग्रदूतों के अनुभव वाले असंख्य मूल्य दिए गए हैं।