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Sunday 10 March 2013 08:23:26 AM
लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘महिला सुरक्षा एवं आर्थिक सशक्तिकरण’ गोष्ठी में महिला कल्याण एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमारी कोरी ने कहा है कि महिलाएं सम्मान पाने के लिए संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि आर्थिक असमानता के विरूद्ध न्यूयार्क से प्रारंभ हुआ आंदोलन पूरे विश्व में फैला, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 मार्च 1908 को महिला दिवस के रूप में घोषित किया। अरूण कुमारी कोरी ने कहा कि महिलाएं चाहे नौकरी करती हों या घर में रहती हों, वे सम्मान चाहती हैं, इसके लिए उन्हें संघर्ष भी करना होगा।
महिला कल्याण राज्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं खुद को कमजोर न समझें, आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह कला हो या विज्ञान या तकनीक, पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, इसलिए उन्हें सम्मान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं चाहें तो भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है।इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ज़रीना उस्मानी ने कहा कि आयोग प्रदेश की महिलाओं की समस्याओं के समाधान हेतु सदैव तत्पर रहेगा। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘1090 सेवा’ की शुरूआत करके सराहनीय कार्य किया है।
गोष्ठी में आयोग की उपाध्यक्ष सुमन यादव ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करें। महिला आयोग की उपाध्यक्ष डॉ सुरभि शुक्ला ने कहा कि 21वीं सदी की नारी प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही है। वीमेन पावर लाइन के प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने वीमेन पावर लाइन प्रारंभ किए जाने के कारण व उद्देश्य, डॉ रेनू जलोटी ने महिला स्वास्थ्य, संयुक्त निदेशक महिला कल्याण आरती श्रीवास्तव ने घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम पर तथा एआरटीओ रीतू सिंह ने यातायात एवं सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में विचार व्यक्त किए।
गोष्ठी के दौरान विधायक आशा किशोर व नंदिता शुक्ला, अनीता वर्मा सिंह, डॉ अशोक बाजपेई, विद्यावती राजभर, अल्पना बाजपेई, शाहीन फातिमा, इंदिरा जायसवाल आदि मौजूद थीं। कार्यक्रम का संचालन अनीता सहगल ने किया।