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Saturday 29 September 2018 01:57:30 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हरित और सतत विकास हेतु व्यवहार में बदलाव लाने के लिए उद्योग और समाज में स्वनियमन लागू करने पर जोर दिया है। हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में 'प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एवं कचरा प्रबंधन अवसर या चुनौतियां' विषय पर हुए सम्मेलन में यह बात कही। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत की विशाल शहरी पहल सोच-समझकर किया गया एक ढांचागत निवेश है, जो आगे सामाजिक सूचकांकों और पर्यावरणीय उद्देश्यों की दक्षता को भी जोड़ता है। हरदीप सिंह पुरी ने भारत के शहरी पुनरूद्धार के हरित और लचीला बनाने की बात करते हुए कहा कि यह उपलब्धि पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं के साथ समझौता किए बिना हासिल की जा रही है।
आवास राज्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण में नए और वैकल्पिक तकनीकी के साथ-साथ स्थानीय स्तरपर उपलब्ध पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे न सिर्फ निर्माण लागत में कमी आ रही है, बल्कि इससे उत्सर्जित कार्बन में कटौती देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कचरे के वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन में भारत की क्षमता भविष्य में और बढ़ेगी, क्योंकि भारत में कचरा प्रबंधन अब भी मुख्य तौरपर इसके संग्रहण और न्यूनतम पृथक्करण के साथ निपटान के पारंपरिक तरीकों तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत से कचरा प्रबंधन को लेकर कुछ हदतक संवेदनशीलता और जागरुकता अभियान बढ़े हैं, जिससे भारत के कई शहरों में कचरों के पृथक्करण और रीसाइक्लिंग को अपनाया जा रहा है।
हरदीप सिंह पुरी ने वर्षों से प्लास्टिक कचरे के न सिर्फ भारत में, बल्कि विश्वभर में बढ़ने की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में प्लास्टिक कचरों की रीसाइक्लिंग का अच्छा रिकॉर्ड रहा है, उदाहरण के लिए हम 80 प्रतिशत पीईटी बोतल कचरे को रीसाइकल कर फाइबर में बदल रहे हैं, जो विश्वभर में रीसाइक्लिंग की सबसे ऊंची दरों में से एक है। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए एकबार में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक उत्पादों के गैरजरूरी इस्तेमाल में कमी लाने की भी जरूरत है, विभिन्न प्लास्टिक कचरों सहित सभी ठोस कचरों को रीसाइकल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 प्लास्टिक कचरों की चुनौतियों से निपटने के लिए एक अच्छा तंत्र है। नई प्रौद्योगिकियों पर जोर देते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इससे हम कम में ज्यादा कर सकने की स्थिति में आए हैं और इससे शहरी सेवाएं मुहैया कराने की क्षमता भी बढ़ी है।