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Wednesday 3 October 2018 12:37:34 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन को संबोधित किया। एमजीआईएससी का यह 4 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जो दुनियाभर के स्वच्छता मंत्रियों और अन्य नेताओं को वाश यानी जल, स्वच्छता और साफ-सफाई के लिए एकजुट करने का प्रयास है। भारत आए संयुक्तराष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेज के साथ प्रधानमंत्री ने एक डिजिटल प्रदर्शनी का दौरा भी किया। सम्मेलन के मंच पर गणमान्य व्यक्तियों ने महात्मा गांधी पर स्मारक डाक टिकट और महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन वैष्णव जन तो पर आधारित एक मेडली सीडी जारी की। इस अवसर पर स्वच्छ भारत पुरस्कार भी प्रदान किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के स्वच्छता पर 1945 में प्रकाशित महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम का उल्लेख किया, जिसमें ग्रामीण स्वच्छता एक महत्वपूर्ण विषय था। उन्होंने कहा कि देश गांधीजी की स्वच्छता प्रेरणा से शिक्षा लें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर अशुद्ध वातावरण को साफ नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति को बढ़ावा मिलता है, जहां कोई भी व्यक्ति उन परिस्थितियों को स्वीकार करना शुरू कर देता है, इसके विपरीत अगर कोई व्यक्ति अपने आस-पास की गंदगी को साफ करता है तो वह ऊर्जा प्राप्त करता है और वह स्वयं मौजूदा प्रतिकूल परिस्थितियों को स्वीकार नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यह महात्मा गांधी की प्रेरणा ही थी, जिसने स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से प्रेरित होकर भारतीयों ने स्वच्छ भारत मिशन को दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बना दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता जो 2014 में 38 प्रतिशत थी, अब 94 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि अब 5 लाख से ज्यादा गांव खुले में शौच से मुक्त हैं। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने दुनिया को स्वच्छ बनाने में राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनिक निधि, साझेदारी और जनता की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।