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Wednesday 3 October 2018 12:47:41 PM
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के ज्ञापन में उठाई गई किसानों की समस्याओं पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गहन विचार-विमर्श हुआ है। बैठक में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्य चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह, सुरेश राणा और सांसद अनिल जैन उपस्थित थे। भारतीय किसान यूनियन तथा देश के विभिन्न किसान संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी धर्मेंद्र मलिक, अजमेर सिंह लाखोवाल, युद्धवीर सिंह, बलराम लम्बरदार, राजेश सिंह चौहान, दीवानचंद चौधरी, विजयपाल सिंह, केटी गंगाधर, राजपाल शर्मा, अनिल तालान, महेंद्र चरौली, राजबीर सिंह जादौन, रतन मान, जगदीश सिंह, के शैल्ला मुथ्थु, वीरेंद्र डागर, पूरण सिंह, संजय चौधरी, सुखदेव सिंह गिल, रामा स्वामी, डेवीसन, एम राम, केवी राजकुमार एवं केवी एलनकिरन उपस्थित थे। लगभग तीन घंटे चली इस वार्ता के पश्चात किसानों की समस्याओं के प्रभावी रूपसे निराकरण के संबंध में सरकार ने मांगों पर कार्रवाई करने के निर्णय लिए गए।
किसान-सरकार वार्ता के निर्णयों के अनुसार दस वर्ष से अधिक डीजल वाहनों के संचालन पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगाई गई रोक के विरूद्ध सरकार अतिशीघ्र पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। राज्यों को भी समीचीन कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जाएगा। मनरेगा को खेती से जोड़ने के लिए नीति आयोग के तत्वावधान में मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय समिति गठित की जा चुकी है जो किसानों से आए सभी सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। समिति में किसानों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा। खेती में काम आने वाली वस्तुओं को जीएसटी के 5 प्रतिशत की दर में सम्मिलित करने के लिए यह विषय जीएसटी परिषद में शीघ्र ही उचित निर्णय के लिए रखा जाएगा। सरकार के बजट में घोषणा के अनुसार उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी घोषित करने के निर्णय का रबी फसलों में भी अनुपालन किया जाएगा और उसी के अनुसार सभी अधिसूचित फसलों पर इसकी घोषणा की जाएगी। इसके साथ ही किसानों की खरीद की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों को केंद्र की तरफ से एडवाइजरी भेजी जाएगी, जिससे कि उनकी सभी फसलों का उचित दाम सुनिश्चित किया जा सकेगा।
पर्याप्त पैदावार होने वाली फसलों के आयात को रोकने के लिए कानून सम्मत हर संभव प्रयास किए जाएंगे। खरीद के लिए अनुमत अवधि को 90 दिन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कार्यांवयन के संबंध में उठाए गए मुद्दों पर कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा, यह समिति फसल बीमा योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना के कार्यांवयन में आ रही परेशानियों पर किसान संगठनों से विमर्श के उपरांत अपनी संस्तुति देगी, जिस पर सरकार किसानों के हित में निर्णय लेगी। जंगली पशुओं से फसलों को नुकसान के संबंध में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन करके इस जोखिम को योजना में पायलट आधार पर शामिल किया गया है। इससे आशा की जाती है कि पायलट में अनुभव के आधार पर सभी प्रभावित जिलों में लागू किया जा सकेगा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई समझौता वार्ता के पश्चात केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह, सुरेश राणा किसानों से वार्ता करने गए और चौधरी नरेश टिकैत एवं चौधरी राकेश टिकैत की उपस्थिति में भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी, किसान नेताओं और उपस्थित किसानों के साथ वार्ता हुई। वार्ता में किसानों और उनके प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं और उपस्थित सभी मंत्रियों ने किसानों को उनकी समस्याओं के शीघ्र निराकरण हेतु समझौते में लिए गए निर्णय और मानी गई मांगों के संबंध में विस्तृत रूपसे अवगत कराया। गौरतलब है कि लोकसभा के आम चुनाव सर पर हैं और देश में सरकार पर दबाव बनाकर अपनी मांगें मनवाने की राजनीति शुरू हो गई है। यहां यह उल्लेख करना भी प्रासंगिक है कि अमेरिका जैसे देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के आर्थिक संदर्भ में कहना है कि भारत सरकार भारत के किसानों के लिए जितना अच्छा कर रही है, उतना दुनिया के किसी देश में भी नहीं हो रहा है। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि भारत सरकार किसानों की उपज का अच्छा मूल्य दे रही है।