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Wednesday 3 October 2018 03:26:03 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज प्रवासी भारतीय केंद्र नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में संयुक्तराष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘यूएनईपी चैम्पियंस ऑफ द अर्थ’ प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री को यह सम्मान ट्रॉफी संयुक्तराष्ट्र के महासचिव अंतोनियो ग्युतरेस ने प्रदान की। इस सम्मान की घोषणा न्यूयॉर्क सिटी में आयोजित 73वीं संयुक्तराष्ट्र आमसभा के दौरान की गई थी। नरेंद्र मोदी का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के समर्थन में उनके पथप्रदर्शक कार्य एवं 2022 तक भारत में सभी एकल उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करने के उनके अभूतपूर्व संकल्प के लिए नेतृत्व वर्ग में चयन किया गया था। वार्षिक चैम्पियंस ऑफ द अर्थ सम्मान सरकारी, सिविल सोसायटी एवं निजी क्षेत्र के उन असाधारण नेताओं को प्रदान किया जाता है, जिनके कार्यों का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा हो।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री का पर्यावरण के प्रति एक स्पष्ट विजन है, जिसकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहर्निश प्रयासों का ही परिणाम है कि आज भारत की पहचान विश्वपटल पर देखने को मिल रही है, उनके प्रयास से ही संयुक्तराष्ट्र संघ ने प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया है, इसी प्रकार यूनेस्को ने भी कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वच्छ और सन्तुलित पर्यावरण के साथ ही स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित कराने का सफल प्रयास किया है। स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है।
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा का उद्घाटन किया। इसके साथ ही द्वितीय आईओआरए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रीस्तरीय बैठक और द्वितीय विश्व नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो ग्युतरेस भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 150 से 200 वर्ष के दौरान मानवजाति ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रही है, प्रकृति अब सौर, वायु और जल जैसे अन्य विकल्पों की तरफ संकेत कर रही है, जो अधिक टिकाऊ ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में जब लोग 21वीं शताब्दी में मानवता के कल्याण के विषय में बात करते हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सूची में सर्वोच्च स्थान पर स्थित है। उन्होंने कहा कि जलवायु के साथ न्याय करने के संदर्भ में यह मंच महान कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के रूपमें अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ओपेक का स्थान ले लेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तृत उपयोग का प्रभाव भारत में नजर आने लगा है। उन्होंने बताया कि भारत एक कार्य योजना के जरिए पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत की कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 40 प्रतिशत हिस्सा गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों द्वारा पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भारत ‘निर्धनता से शक्ति’ के एक नए आत्मविश्वास का विकास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा सृजन के साथ ऊर्जा भंडारण भी महत्वपूर्ण होता है, इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रीय ऊर्जा भंडारण मिशन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत सरकार मांग सृजन, घरेलू निर्माण, नवाचार और ऊर्जा भंडारण पर ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा के अलावा भारत बायोमास, बायो-ईंधन और बायो-ऊर्जा की दिशा में भी काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में स्वच्छ ईंधन आधारित यातायात प्रणाली विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बायो-कचरे को बायो-ईंधन में बदलकर भारत इस चुनौती को अवसर के रूप में बदलने के लिए कृत संकल्प है।