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आतंकवादी संगठनों के निशाने हैं विमान-गृहमंत्री

ग्‍लोबल कोआपरेशन: सेक्‍योर एविएशन विषय पर संगोष्ठी

'नागर विमानन सुरक्षा एक बेहद चुनौती भरा क्षेत्र'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 10 October 2018 12:46:42 PM

home minister rajnath singh in international aviation safety symposium

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश में पुख्‍ता विमानन सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच बेहतर समन्‍वय की आवश्‍यकता पर बल दिया है। वे दिल्‍ली में विमानन सुरक्षा पर दो दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि विमानन क्षेत्र से जुड़े सभी हितधारक विशेष रूपसे बीसीएएस तथा सीआईएसफ विमानन सुरक्षा के लिए नई प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल तथाप्रशिक्षित मानव संसाधन बल के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करें। संगोष्‍ठी का विषय ग्‍लोबल कोआपरेशन: सेक्‍योर एविएशन था, जिसका आयोजन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने अपनी स्‍थापना की स्‍वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्‍य में किया था। राजनाथ सिंह ने विमानन क्षेत्र के लिए आतंकवादी खतरों का हवाला देते हुए कहा कि नागर विमानन सुरक्षा एक बेहद चुनौती भरा क्षेत्र है, क्‍योंकि ये हमेशा से आतंकवादी संगठनों के निशाने पर रहता है, आतंकवादी हमेशा ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं, जहां वे ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों का ध्‍यान आकृष्‍ट कर सकें और मीडिया कवरेज ले सकें।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विमानन क्षेत्र पर हमले के लिए रोज नई तकनीक इजाद होती रहती है, वर्ष 2006 में लंदन में तरल विस्‍फोटक का इस्‍तेमाल और एम्‍सटर्डम में 2009 में जांघिये में बम छुपाकर आने वाले हमलावर की घटना इस बात का स्‍पष्‍ट प्रमाण है कि आतंकवादी विमानन क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। विमानन सुरक्षा के लिए विश्‍व स्‍तरपर बेहतरीन प्रयासों पर जोर देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इसके लिए हमें अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तरपर आम सहमति से तय किए गए नियमों और दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी हवाई अड्डों पर आधुनिक और उन्‍नत प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल से सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए सरकारों और विमानन एजेंसियों को नए तरीके इजाद करने होंगे।
गृहमंत्री ने कहा कि विमानन सुरक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें थोड़ी सी भी ढील की गुंजाइश नहीं है, कोई भी सुरक्षा व्‍यवस्‍था तभी पुख्‍ता है, जब उसकी छोटी से छोटी इकाई भी मजबूत हो, इसलिए छोटे हवाई अड्डों की सुरक्षा को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इस्‍तांबुल और ब्रसेल्‍स हवाई अड्डों पर हुए हमले इस बात का प्रमाण हैं कि सुरक्षा के मामले में हवाई अड्डे काफी संवेदनशील होते हैं। देश के विमानन क्षेत्र में व्‍यापक विस्‍तार का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी सुरक्षा नीतियों में लगातार सुधार कर रहे हैं, बदलते समय के साथ आने वाले खतरों से निपटने के लिए नीतियों को आवश्‍यकताओं के अनुरूप ढाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा विमानों का अपहरण करने के खतरों को देखते हुए भारत ने इसके लिए एंटी हाईजैंकिंग मेकेनिज्‍म को अपग्रेड किया है। इसके तहत अपहरणकर्ताओं द्वारा विमान पर नियंत्रण करने या विमान यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा करने की स्थिति में त्‍वरित कार्रवाई की व्‍यवस्‍था की गई है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका के परिवहन सुरक्षा प्रशासन के विपरीत हमारी सरकार ने विमानन सुरक्षा को विमानन पारिस्थितिक तंत्र से जुड़ी व्‍यवस्‍थाओं से अलग करने का निर्णय लिया है, इससे नियामक ढांचे में हितों के टकराव की मुख्‍य समस्‍या से बचाव में मदद मिलेगी। गृहमंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर सारे प्रयासों का उद्देश्‍य सुरक्षा उपायों में एकरूपता लाकर पूरी दुनिया में सुरक्षा व्‍यवस्‍था को पुख्‍ता बनाना है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर, सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन और गणमान्‍य नागरिक भी उपस्थित थे।

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