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Thursday 11 October 2018 04:51:13 PM
नई दिल्ली। नीति आयोग और आईसीसी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में प्रशिक्षण एवं मंथन कार्यशाला का आयोजन किया। नए भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए 2022 तक कानूनी सुधार सुनिश्चित करना इसकी एक प्रमुख और महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। ‘रिजोल्व इन इंडिया’ के साथ ‘मेक-इन इंडिया’ विजन को कार्यांवित करने के लिए भारत ने देश में व्यापार कार्य को आसान बनाने तथा यहां रहने को सरल बनाने के कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए मजबूत वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र महत्वपूर्ण उपाय है। कार्यशाला का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के जज न्यायमूर्ति अर्जुन कुमार सीकरी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कानून और न्याय राज्यमंत्री पीपीचौधरी ने की। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी कार्यशाला में उपस्थित थे।
यह कार्यशाला भारत को व्यापार करने का एक केंद्र बनाने हेतु विवाद समाधान को संस्थागत और व्यवस्थित बनाने के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। वर्ष 2016 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन और 2017 में राष्ट्रीय कानून दिवस सम्मेलन के बाद आयोजित यह कार्यशाला पूरे वाणिज्यिक अनुबंधों के आलोक में मध्यस्थता को समझने और लागू करने की जरूरतों का उल्लेख करती है और उसे प्रोत्साहित करती है। कार्यशाला में केंद्र और राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के 200 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। मेक इन इंडिया पर सरकार के जोर देने के कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों निवेशकों के लिए भारत में विवाद समाधान तंत्र में विश्वास व्यक्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस संबंध में अच्छी तरह से तैयार किया गया विवाद समाधान तंत्र और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं की व्यापक समझ से यह पहल पूरक होगी और अनुबंधों को प्रभावी और समय पर लागू करने के लिए बहुप्रतीक्षित प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की बुनियादी अवधारणाओं और मध्यस्थता अनुबंधों को तैयार करते समय सीट, स्थल और संस्थान तथा नियंत्रित करने वाले कानून के तथ्यों पर विचार करना शामिल है। इसमें मध्यस्थों के चयन से संबंधित विषयों, मध्यस्थता पुरस्कारों और मध्यस्थता के दौरान और बाद में न्यायालयों की भूमिका से संबंधित विषय शामिल हैं। जानकारी साझा करने वाले सत्र के विषयों पर इंग्लैंड, सिंगापुर, पेरिस और भारत के विश्वस्तरीय संकाय और प्रैक्टिशनरों द्वारा संबोधित किया गया। प्रशिक्षण एवं मंथन कार्यशाला नीति आयोग के प्रयासों का एक हिस्सा है। नीति आयोग ने 2016 में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करके मध्यस्थता के महत्व पर प्रकाश डाला था। इसमें लगभग 1400 प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रपति ने की थी और इसमें भारत के प्रधानमंत्री और शार्क देशों के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हुए थे।