स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 12 October 2018 04:41:52 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के 13वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा है कि सूचना का मुक्त प्रवाह लोकतंत्र का मूल तत्व है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और स्वतंत्रभाव वाले देश के लोगों के लिए सूचना एक शक्ति है और उनको यह जानने का अधिकार है कि वे किस तरह से शासित हो रहे हैं, किस तरह से सार्वजनिक धन का खर्च हो रहा है, सार्वजनिक और राष्ट्रीय संसाधन कैसे उपयोग में लाए जा रहे हैं, किस तरह सार्वजनिक सेवाएं दी जा रही हैं और किस प्रकार सार्वजनिक कार्य और कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में अत्यधिक सूचना जैसी कोई चीज नहीं होती, सूचना की अधिकता हमेशा सूचना के अभाव की तुलना में बेहतर है। राष्ट्रपति ने कहा कि आरटीआई अपने आपमें संपूर्ण नहीं है, बल्कि यह केवल भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने, शासन संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सामान्य नागरिक की क्षमता सृजन का हिस्सा है, ताकि नागरिक सूचना संपन्न निर्णय कर सकें और प्राप्त सूचना के अनुरूप अपनी पसंद बना सकें। उन्होंने कहा कि सबसे ऊपर नागरिक और राज्य के बीच सामाजिक समझौता है, जिसमें दोनों का एक-दूसरे के प्रति विश्वास होता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और बर्बादी पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक संसाधन का विवेकसंगत उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आरटीआई नागरिकों की सेवा और सार्वजनिक संसाधन और वित्त के उपयोग में सक्षमता प्रदान करता है, इससे पारदर्शिता में सुधार आता है और यह पक्षपात तथा दुरूपयोग संबंधी संदेहों को दूर करता है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि इंटरनेट, डिजिटल अर्थव्यवस्था का उपयोग खदान ब्लॉकों की ई-नीलामी को आगे बढ़ाने में किया गया है, इसने राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल बनाने में मदद दी है। उन्होंने कहा कि जनधन खाते, आधार आधारित पहचान और मोबाइल फोन ने योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में धन पहुंचाने में मदद की है। राष्ट्रपति ने कहा कि इससे कार्य क्षमता बढ़ी है और बर्बादी पर नियंत्रण हुआ है एवं यह भ्रष्टाचार से भी बचाता है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि सूचना के अधिकार और निजता के अधिकार के बीच उचित संतुलन होना चाहिए। उन्होंने आरटीआई के मूल चार्टर को बनाए रखने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग की प्रशंसा की। यह चार्टर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कुछ विषयों को छोड़कर सार्वजनिक जांच की अनुमति देता है, लेकिन नागरिक विशेष के निजी रिकॉर्ड पूरी तरह सुरक्षित होते हैं और इसमें तीसरा पक्ष अतिक्रमण नहीं कर सकता। उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए आरटीआई के दुरूपयोग के प्रति सावधान किया, विशेषकर ऐसे समय में जब निजता पर समाज में गंभीर बहस हो रही हो। राष्ट्रपति ने कहा कि संतुलन बनाना आवश्यक है।