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Tuesday 16 October 2018 02:11:12 PM
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने नई दिल्ली के डीआरडीओ भवन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख भारतरत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की 87वीं जयंती मनाई। इस अवसर पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण मुख्य अतिथि थीं और रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष रामराव भामरे, भारत सरकार के प्रधानमंत्री वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से अपनी मुलाकात की याद साझा की। उन्होंने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम न केवल एक अच्छे वैज्ञानिक थे, बल्कि एक शानदार प्रशासक थे, जो अपनी टीम के सदस्यों में प्रतिभा की पहचान कर लेते थे, उन्हें आगे बढ़ाते थे और इन्हीं कारणों से ‘मिसाइल मैन’ डॉ एपीजे अब्दुल कलाम महान टीम लीडर बने।
रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष रामराव भामरे ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मजबूत राष्ट्र में विश्वास करते थे, वैज्ञानिक रूपसे श्रेष्ठ राष्ट्र में उनका विश्वास था और मिशन के प्रति सम्पूर्ण प्रतिबद्धता के लिए लोगों को प्रेरित करते थे। रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रसिद्ध कथन ‘अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले सूर्य की तरह जलना होगा’ से समर्पण भाव प्रकट होता है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘द कलाम विजन-डेयर टू ड्रीम’ विषय पर डीआरडीओ की समर्पित वेबसाइट लांच की। उन्होंने बताया कि यह वेबसाइट उभरती टेक्नोलॉजी यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स, ऑटोमोनस प्रणाली में युवाओं को आकर्षित करने के लिए है, यह विद्यार्थियों और स्टार्टअप के लिए खुली स्पर्धा में भाग लेने में मदद करेगी, यह वेबसाइट https://drdo.gov.in/drdo/kalam/kalam.html लिंक पर उपलब्ध है।
अतुल्य कलाम पुस्तक के हिंदी संस्करण का लोकार्पण रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष रामराव भामरे ने किया और कहा कि पुस्तक के हिंदी संस्करण का उद्देश्य डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के संदेशों को देश के आमजन तक पहुंचाना है, यह पुस्तक उनसे जुड़े प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के निजी अनुभवों का संकलन है। जयंती समारोह में दिल्ली के तीन स्कूलों के विद्यार्थी भी शामिल हुए, जिन्होंने भारत सरकार के अटल नवाचार मिशन के अंतर्गत अपने स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की है। समारोह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थी और शोधकर्ता भी शामिल हुए। विद्यार्थियों को डीआरडीओ भवन की कलाम गैलरी दिखाई गई, ताकि विद्यार्थी प्रदर्शित रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों का अवलोकन कर सकें। विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी में दिखाए गए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन और कार्यों में दिलचस्पी दिखाई।