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Tuesday 16 October 2018 03:35:53 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग के प्रशिक्षु सहायक कार्यपालक अभियंताओं और उप वास्तुविदों के अलग-अलग समूहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर प्रशिक्षुओं से बातचीत करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़े सरोकारों को ध्यान में रखते हुए निरंतरता और ऊर्जा दक्षता का मुद्दा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जिन भवनों, सड़कों और अन्य आधारभूत सुविधाओं को तैयार करते हैं, वे ऊर्जा दक्ष और पर्यावरण अनुकूल हों।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रसन्नता व्यक्त की कि केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग ऐसी आधुनिक निर्माण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रहा है, जिनके परिणामस्वरूप वायु और ध्वनि प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी होती है और जल का मनोनुकूल इस्तेमाल होता है। राष्ट्रपति ने लोकनिर्माण विभाग से यह मांग करते हुए कहा कि उभरती हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल कायम रखना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक पूर्ण विकसित देश बन रहा है, यहां बड़ी आधारभूत संरचनाओं और बड़े संस्थानों का निर्माण हो रहा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कार्यात्मकता पर जोर देते समय हमें सौंदर्यता को भी ध्यान में रखना चाहिए, उदाहरण के लिए हमारी स्मार्ट सिटियों को आत्मनिर्भर और जनोपयोगी होने के साथ-साथ सौंदर्य की दृष्टि से खुशनुमा भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बिंदु पर वास्तुविद और अभियंता आपस में सहयोग कायम करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग भारत सरकार के प्रभुत्व वाला एक प्राधिकरण है, जोकि देश के सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माण कार्यों को करता है। यह केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली निर्माण एजेंसी है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग पर केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्तशासी निकायों की अधिकांश इमारतों के निर्माण और रखरखाव का दायित्व है।