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Wednesday 17 October 2018 01:10:07 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने वर्ष 2017 में शीर्ष 100 बैंक धोखाधड़ियों की समीक्षा की है, इसके साथ ही इन सभी का व्यापक विश्लेषण भी किया है। सतर्कता आयुक्त डॉ टीएम भसीन ने इससे संबंधित विस्तृत जानकारियों को मीडिया से साझा करते हुए जानकारी दी कि आयोग ने इस अध्ययन को 13 क्षेत्रों में उपविभाजित किया है, जिनमें रत्न एवं जेवरात, विनिर्माण, कृषि क्षेत्र, मीडिया, उड्डयन, सेवा क्षेत्र, चेक एवं बिल डिस्काउंटिंग, व्यापार क्षेत्र, आईटी, निर्यात, सावधि जमा और डिमांड लोन इत्यादि शामिल हैं। सतर्कता आयुक्त ने कहा कि एक सचेत निर्णय के साथ-साथ पृथकता या भिन्नता को बनाए रखने के उद्देश्य से ऋण लेने वालों के खातों या निकायों और बैंकों के नामों का खुलासा इस रिपोर्ट में नहीं किया गया है, हालांकि सभी सम्मिलित कार्यों जैसेकि प्रमुख खोजी एजेंसियों से जांच-पड़ताल करवाने, संबंधित कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के और ऋण वसूली के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
सतर्कता आयुक्त डॉ टीएम भसीन ने कहा कि इन ऋणों की वसूली के तरीकों का व्यापक विश्लेषण किया गया है और विभिन्न खामियों का पता लगाया गया है, निष्कर्षों के आधार पर प्रणाली में सुधार के लिए विभिन्न विशिष्ट सुझाव अंतिम रिपोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अंतिम रिपोर्ट वित्तीय सेवाओं के विभाग और आरबीआई को भेज दी गई है, ताकि आयोग की पता लगाई गई खामियों को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि सुझाए गए उपायों में निगरानी प्रणाली को मजबूत करना और नियंत्रणकारी कार्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डालना इत्यादि शामिल हैं, ताकि कारोबार की गुणवत्ता के पहलुओं पर गौर किया जा सके। सतर्कता आयुक्त ने कहा कि आयोग ने एक निवारक सतर्कता उपाय के रूपमें यह विश्लेषणात्मक अध्ययन कराया है, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ियां करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जा सके। सीवीसी की ओर से किए गए शीर्ष 100 बैंक धोखाधड़ियों के विश्लेषण की प्रति तैयार सामग्री के रूपमें सीवीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है, जिसका लिंक http://www.cvc.gov.in/sites/default/files/new1111.pdf है।