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Thursday 18 October 2018 04:58:10 PM
नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि मीडिया के एक वर्ग ने देश में संवेदनशील मामलों में भी झूंठ प्रचारित करने का ठेका लिया हुआ है? मीडिया के एक वर्ग से अभी एक ख़बर आई थी कि श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने कहा है कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने उनकी और श्रीलंका के पूर्व रक्षा सचिव की हत्या की साजिश रची है, जिसका राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके दृढ़तापूर्वक खंडन किया और कहा कि इस झूंठ के पीछे कोई है। एक और झूंठी ख़बर आज उड़ाई गई है कि देश में 50 करोड़ मोबाइल नंबरों के बंद होने का जोखिम है, जो कुल सक्रिय मोबाइलों का लगभग आधा हिस्सा है। दूरसंचार विभाग और भारत के विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आज एक संयुक्त वक्तव्य में स्पष्ट किया है कि मीडिया की ये समाचार रिपोर्टें पूरी तरह से असत्य और काल्पनिक हैं।
दूरसंचार विभाग और भारत के विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का कहना है कि समाचार रिपोर्ट मोबाइल उपयोगकर्ताओं के बीच अनावश्यक अफरा-तफरी पैदा करने का प्रयास कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि नवीनतम पहचान के बिना आधार सत्यापन के द्वारा जो सिम कार्ड प्राप्त किए गए हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा। संयुक्त बयान में स्पष्ट किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने आधार मामले में अपने फैसले में कहीं भी निर्देश नहीं दिया है कि आधार ईकेवाईसी के माध्यम से जारी किया गया मोबाइल नंबर बंद किया जाना है, इसलिए अफरा-तफरी या डर के लिए कोई कारण नहीं है। लोगों को ऐसी अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने 6 महीने के बाद दूरसंचार ग्राहकों के सभी ईकेवाईसी डेटा को हटाने के लिए भी नहीं कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यूआईडीएआई को 6 महीने से अधिक समय तक प्रमाणीकरण लॉग नहीं रखना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार यूआईडीएआई पर प्रतिबंध है, न कि दूरसंचार कंपनियों पर, इसलिए दूरसंचार कंपनियों को प्रमाणीकरण लॉग हटाने की कोई आवश्यकता नहीं है, यदि कोई व्यक्ति अपने आधार ईकेवाईसी को ताजा केवाईसी द्वारा प्रतिस्थापित करने की इच्छा रखता है तो वह मोबाइल केवाईसी पर पहले दूरसंचार विभाग के परिपत्रों के अनुसार ताजा ओवीडी जमा करके सेवाप्रदाता से अनुरोध कर सकता है, लेकिन किसी भी मामले में पुराने मोबाइल नंबर बंद करने के लिए कोई निर्देश नहीं है। संयुक्त वक्तव्य में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून की कमी के कारण आधार ईकेवाईसी प्रमाणीकरण प्रक्रिया के माध्यम से नए सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है। इसमें पुराने मोबाइल फोन को निष्क्रिय करने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं है।
दूरसंचार विभाग और भारत के विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बयान में कहा है कि वास्तव में दूरसंचार विभाग और यूआईडीएआई एक मोबाइल ऐप के माध्यम से नए सिम कार्ड जारी करने के लिए पूरी तरह से निर्बाध और डिजिटल प्रक्रिया लाने की प्रक्रिया में हैं, जो आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह से अनुपालन करेंगे। प्रस्तावित प्रक्रिया में अक्षांश, देशांतर और समय के मोहर सहित व्यक्ति की लाइव तस्वीर को प्रस्तुत करना शामिल होगा। आधार कार्ड, मतदाता पहचान इत्यादि जैसी आईडी की तस्वीर को इसमें शामिल किया जाएगा। सिम कार्ड एजेंट को ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा और सिम कार्ड जारी किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निर्बाध और डिजिटल होगी। बयान में दोहराया गया है कि मीडिया में दिखाई देने वाली रिपोर्टों से अफरा-तफरी मचाने या भ्रमित होने की कोई आवश्यकता नहीं है।