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Monday 11 March 2013 08:34:18 AM
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ अज़ीज़ कुरैशी ने राजभवन में विवेकानंद यात्रा उत्तराखंड, नंदा देवी राजजात यात्रा पथ सर्वेक्षण, नंदा देवी राजजात कलेंडर 2013 का शुभावतरण तथा लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम राज्यसभा सांसद एवं नंदा राजजात पूर्व पीठिका समिति उत्तराखंड के अध्यक्ष तरूण विजय ने आयोजित किया था। समिति के अध्यक्ष की ओर से समिति के संरक्षक बनने का अनुरोध सहर्ष स्वीकारते हुए राज्यपाल ने कहा कि हजारों लोगों की श्रद्धा व आस्था से जुड़ी 280 किलोमीटर लंबी 19 दिन की इस कठिन आध्यात्मिक यात्रा की सफलता के लिए वे हर संभव सहयोग करेंगे। राज्यपाल ने समिति के सरंक्षक की हैसियत से कार्यक्रम के आयोजकों को आश्वस्त किया कि इस यात्रा की कठिनाईयों को न्यूनतम करने के लिए सभी अपेक्षित व्यवस्थाओं हेतु वे स्वयं शीर्ष प्राथमिकता पर केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित करेंगे।
राज्यपाल ने इसके लिए एक सुदृढ़ प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा। राज्यपाल से राजजात यात्रा शुरू होने से पूर्व किए जा रहे पथ-सर्वेक्षण कार्य के लिए चुने गए 10 युवाओं का परिचय कराया गया, जो 10 दिनों में इस यात्रा मार्ग पर आने वाली कठिनाईयों को चिन्हित कर एक व्यापक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके आधार पर आवश्यक व्यवस्थाएं एवं प्रबंधन किया जाएगा। पूरी दुनिया के युवाओं के आदर्श तथा समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के अवसर पर इस यात्रा को स्वामी विवेकानंद यात्रा का नाम दिया गया है। सर्वेक्षण के लिए चयनित युवा, उत्तराखंड के उन स्थानों की यात्रा भी करेंगे, जहां-जहां स्वामी विवेकानंद ने अवस्थान किया था।
राज्यपाल ने राज्य के सभी धार्मिक स्थलों एवं उसके यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं के प्रबंधन को निहायत जरूरी बताया और कहा कि इसके लिए शीर्ष स्तर पर प्रयास जारी हैं। राज्यपाल ने सांसद तरूण विजय को मानवी गुणों से संपन्न एक जोशीला युवा बताते हुए उनके प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं एवं बधाई दी। कार्यक्रम में डॉ सुचिस्मिता सेन ने स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों तथा विचारों पर व्यापक प्रकाश डालते हुए उनके उत्तराखंड की यात्रा के साधना स्थलों तथा उनसे जुड़े कई संस्मरणों को साझा किया, जिसका वर्णन उन्होंने स्वरचित पुस्तक हिमालय में स्वामी विवेकानंद के पदचिन्ह में किया है।
कार्यक्रम के आयोजक सांसद तरूण विजय ने स्वागत संबोधन में आयोजन के उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर विवेकानंद विरासत पथ विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने विश्वविख्यात चिंतक स्वामी विवेकानंद की उत्तराखंड यात्रा के प्रचार-प्रसार को राज्य में पर्यटन के विस्तार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उत्तराखंड में विवेकानंद के प्रवास तथा साधना स्थलों को विरासत स्थल के रूप में विकसित व संरक्षित किए जाने की दृष्टि से भी 10 दिन की सर्वेक्षण यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम को कुमाऊं नंदा राजजात समिति के अध्यक्ष प्रभात गंगोला ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रत्यूष वत्सला ने किया। इस अवसर पर सांसद तरूण विजय की पत्नी वंदना बिष्ट सहित अनेक गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।