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Monday 29 October 2018 04:12:28 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में डॉ प्रभलीन सिंह के लिखे और पंजाब विश्वविद्यालय के प्रकाशित भारत के 50 प्रतिष्ठित सिख नागरिकों के जीवन वृत्त के संकलन 'भारत के प्रमुख सिख' का विमोचन किया। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर सिख मत में निहित नि:स्वार्थ मानवसेवा की भावना को वृहत्तर समाज के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि सिख समाज ने न केवल देश और विश्व के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि सभी भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा की है। उपराष्ट्रपति ने विश्व के विभिन्न भागों में सिखों की मानवसेवा और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि गुरूनानक देव के उपदेशों में 'देखभाल और साझा करें' की मूल भारतीय परंपरा निहित है। उपराष्ट्रपति ने सिख समुदाय की वीरता की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि इतिहास वीर सिखों के देशप्रेम और देशभक्ति का साक्षी है। उन्होंने कहा कि जब-जब देश को आवश्यकता पड़ी सिखों ने अपना सर्वस्व लगाकर देश की रक्षा की है। उपराष्ट्रपति ने युवा प्रतिभा पलायन की चर्चा करते हुए कहा कि युवा पाठक इन प्रतिष्ठित विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेकर देश में ही रहकर राष्ट्र उत्कर्ष के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करें।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि देश की आबादी के 65 प्रतिशत युवा देश में परिवर्तन के प्रवर्तक बन सकते हैं और इसके लिए उनको रोज़गारपरक शिक्षा और प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों को जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए। डॉ प्रभलीन सिंह ने पुस्तक में भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह, केंद्र सरकार में मंत्री हरदीप सिंह पुरी, एसएस अहलुवालिया, धावक मिल्खा सिंह, बिशन सिंह बेदी जैसे 50 प्रख्यात सिख नागरिकों के जीवन वृत्त का संकलन किया है। पुस्तक विमोचन पर सिख समुदाय के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।