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Monday 11 March 2013 09:43:28 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सरकार के लैपटाप वितरण में भेदभाव से तमाम छात्र लैपटाप से वंचित रह गये हैं, वह आज खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं जो निहायत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने जारी बयान में कहा कि लैपटाप वितरण में राज्य सरकार की तमाम कसरतों ने यह साबित कर दिया है कि सरकार की मंशा छात्रों को लैपटाप वितरण के बजाय झूंठी वाहवाही लूटने का प्रयास है। जिस तरह लैपटाप वितरण के लिए लाखों रूपये बर्बाद कर भव्य समारोह किया गया, उससे ऐसा लगा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार न होकर समाजवादी पार्टी का आयोजन है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का धन सीधे पात्र व्यक्तियों के खातों में स्थानांतरण की नीति तैयार कर रही है, जिसमें कहीं से भी कांग्रेस पार्टी या यूपीए का लोगों अथवा उनके नेताओं का फोटो नहीं है, उसी प्रकार प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जिस पर जनता और छात्रों का हक है, उसे अपने दल के प्रचार के रूप में इस्तेमाल न करे। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि पूर्व में बांटे में गए बेरोज़गारी भत्ते एवं आज लैपटाप के वितरण में जितना धन खर्च हुआ है, उससे उन हजारों छात्रों को लैपटाप दिया जा सकता था, जो छात्र आज लैपटाप पाने से वंचित रह गये हैं। इतना ही नहीं दोनों ही आयोजनों में कितना धन खर्च हुआ और बेरोज़गारी भत्ता तथा लैपटाप में कितनी धनराशि खर्च हुई,दोनों को सरकार स्पष्ट करे।
वर्ष 2012 में जिन छात्र और छात्राओं ने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईटीआई की विभिन्न ट्रेडों, जिसमें आईटी भी शामिल है, में प्रवेश लिया है, उन्हें लैपटाप के लाभ से वंचित किया जा रहा है, जो सरासर समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र के विरूद्ध है। कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि जिस तरह से छात्रों को लैपटाप दिये जा रहे हैं, उसी तरह वर्ष 2013-14 की 12वीं की परीक्षा में जो छात्र उत्तीर्ण हों, उन्हें भी इसका लाभ दिया जाए।