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Monday 11 March 2013 09:52:51 AM
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने सोमवार को सचिवालय में मसूरी-देहरादून रोपवे निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने इसके लिए15 मई का टाइम फ्रेम तय कर दिया है। रोपवे निर्माण में आ रही दिक्कतों पर सिलसिलेवार चर्चा की गई। हर हाल में रोपवे निर्माण में आ रही फारेस्ट क्लियरेंस, भूमि हस्तांतरण आदि बाधाएं 15 मई तक दूर कर ली जाएंगी।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि पुरकुल से हाथीपांव और हाथीपांव से लाइब्रेरी तक जो भी भूमि रोपवे के लिए निर्धारित की गई है, उसकी नाप-जोख कर 15 दिन के अंदर सीमांकन कराएं। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जाहिर की, कि पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण यह रोपवे अभी तक लंबित है। उन्होंने वन विभाग, पर्यटन, कंसल्टेंट और कार्यदायी संस्था को ताकीद किया कि रोपवे निर्माण कार्य में जिस भी स्तर पर शिथिलता बरती जायेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। हाल ही में उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन महानिदेशक ऊषा शर्मा से मुलाकात कर रोपवे निर्माण के लिए धनराशि देने का आग्रह किया था, केंद्रीय पर्यटन महानिदेशक ने धनराशि उपलब्ध कराने के लिए सहमति व्यक्त की थी।
बैठक में तय किया गया कि पहले चरण में हाथीपांव से लाइब्रेरी तक रोपवे का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा, साथ ही साथ पुरकुल (देहरादून) में बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। दूसरे चरण में पुरकुल से हाथीपांव तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा। दोनो रोप वे का टर्मिनल साथ-साथ बनाया जायेगा। रोप-वे 15 मीटर से40 मीटर ऊंचाई पर होगा, इसलिए इसके मार्ग में आने वाले पेड़ों को कोई क्षति नहीं होगी। पुरकुल में उद्योग विभाग की 5 एकड़ भूमि और लाइब्रेरी में शहरी विकास विभाग की 4.25 एकड़ भूमि भी पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग राकेश शर्मा, पर्यटन सचिव उमाकांत पंवार, नोडल अधिकारी वन आरके महाजन, अपर सचिव वन मनोज चंद्रन, एडीएम देहरादून झरना कमठान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।