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Saturday 10 November 2018 03:27:11 PM
पोर्टब्लेयर/ नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर की नौसेना के बीच सहयोग समझौते के अनुसार संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास-सिमबेक्स आज से 21 नवंबर 2018 के बीच अंडमान समुद्र और बंगाल की खाड़ी में शुरू हो गया है। यह सिमबेक्स की 25वीं वर्षगांठ है। भारत और सिंगापुर के बीच नौसैनिक सहयोग की शुरूआत 1994 में हुई थी, जब सिंगापुर नौसेना के जहाजों ने भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण आरंभ किया था। मुख्यतः एंटी सबमरीन वॉर फेयर के रूपमें शुरू हुआ यह सहयोग अब और ज्यादा व्यापक हो चुका है। हाल के वर्ष में इसमें विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर आधुनिक अभ्यास भी शामिल हुए हैं। भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ के तहत हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय वार्ताएं और समझौते किए गए हैं, जिससे परस्पर संबंध और प्रगाढ़ हो रहे हैं। भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं के साथ ही संयुक्त अभ्यासों और अन्य द्विपक्षीय सहयोग के लिए 20 से ज्यादा व्यवस्थाएं की गई हैं, जिनपर हर साल अमल किया जाता है।
भारत और सिंगापुर में नवंबर 2015 में इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया गया था। इस वर्ष जून में शंगरिला डॉयलॉग से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लूंग ने रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के अलावा कई और क्षेत्रों में भी परस्पर सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण समझौता भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना के बीच किया गया कार्यांवयन समझौता था, जो आपसी समन्वयन, नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों के रखरखाव और लाजिस्टिक्स से संबंधित है। इस समझौते के साथ ही दोनों देश अपने नौसैनिक संसाधनों को लॉजिस्टिक्स और सेवाओं के जरिए एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं। भारत-सिंगापुर के प्रधानमंत्रियों ने करार पर हस्ताक्षर करने पर भारत और सिंगापुर की नौसेना के संयुक्त अभ्यास और पेशेवर साझेदारी बनाए रखने की सराहना की थी एवं संयुक्त नौसैनिक अभ्यास की 25वीं वर्षगांठ मनाए जाने की भी उम्मीद जताई थी। इससे पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास दक्षिणी चीन सागर में मई 2017 में आयोजित किया गया था।
भारत और सिंगापुर ने इस साल अपनी 25वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाने के लिए दोनों देशों की नौसेनाओं ने अभ्यास क्षेत्र की भौगौलिक सीमाओं को विस्तार दिया है, जिसमें भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व रणवीर श्रेणी का विध्वंसक पोत रणविजय, आईएनएस सतपुड़ा, आईएनएस सहयाद्रि, आईएनएस कदमत, आईएनएस कीर्च, आईएनएस सुमेधा और आईएनएस सुकन्या कर रहे हैं। इन विध्वंसक पोतों के काफिले के साथ ही सिंधु घोष श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस शक्ति और आईएनएस सिंधु कीर्ति भी शामिल रहेंगी। नौसैनिक अभ्यास में समुद्री गश्ती विमान डॉर्नियर 228, पी81, एमके132 हॉक और यूएच3एच तथा चेतक हेलीकॉप्टर भी हैं। नौसैनिक अभ्यास में सिंगापुर की नौसेना की ओर से दो स्टील्थ विध्वंसक पोत आरएसएस फॉर्मिडेबल और आरएसएस स्टीडफास्ट, एक लिटोरल मिशन पोत-आरएसएस यूनिटी, मिसाइल युक्त दो पोत-आरएसएस विगर और आरएसएस वैलिएंट, एक आर्चर श्रेणी की पनडुब्बी आरएसए स्वर्ड्समैन, गहरे समुद्र में त्वरित बचाव करने वाला जहाज डीएसआरवी, एक समुद्री गश्ती जहाज फोकर एफ50, एस70बी हेलीकॉप्टर तथा मानवरहित विमान स्कैन ईगल भाग लेंगे।
संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का नेतृत्व भारत की ओर से इस बार पूर्वी नौसैनिक कमान के रीयर एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी कर रहे हैं, जबकि सिंगापुर की नौसेना का नेतृत्व डिप्टी कमांडर टास्क ग्रुप हो जी केन और कर्नल लिम यू चुआन कर रहे हैं। समुद्री क्षेत्र में अभ्यास का अंतिम चरण 19 से 21 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया जाएगा। दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। भारत और सिंगापुर के बीच 1994 से शुरू हुए संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का इसबार का संस्करण सबसे बड़ा होगा। शुरूआती चरण में बंदरगाह स्तरपर इसका आयोजन अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्टब्लेयर में किया जा रहा है। समुद्री क्षेत्र में अभ्यास की शुरूआत 12 से 16 नवंबर तक अंडमान सागर में होगी। बंदरगाह स्तरपर अभ्यास का दूसरा चरण विशाखापट्टनम में 16 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा।
सिमबेक्स की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन होगा, जिसमें पेशेवर और प्रशिक्षण स्तरपर अनुभवों का आदान-प्रदान किया जाएगा, 10 किलोमीटर लंबी मित्रता दौड़-विशाखा नेवी मैराथन दौड़ आयोजित की जाएगी और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। सिमबेक्स के 25वें संस्करण के दौरान समुद्र में विध्वंसक पोत मिसाइल दागने के अलावा अपने अन्य हथियारों का जीवंत प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान बड़े तारपीडो तथा मध्यम दूरी तक मार करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट एडवांस पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रणाली का भी प्रदर्शन किया जाएगा। अभ्यास के दौरान समुद्री गश्ती हेलीकॉप्टर और विमान भी अपनी क्षमता और कौशल का प्रदर्शन करेंगे।