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सिंगापुर वित्त के लिए विश्व का केंद्र-मोदी

वित्तीय टेक्‍नोलॉजी पर सिंगापुर में सबसे बड़ा आयोजन

प्रधानमंत्री का सिंगापुर फिनटेक उत्सव में मुख्य भाषण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 14 November 2018 05:42:18 PM

pm narendra modi

सिंगापुर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान-भारत तथा पूर्व एशिया शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए सिंगापुर यात्रा पर हैं। उन्होंने प्रथम शासनाध्यक्ष के रूपमें सिंगापुर फिनटेक उत्सव में मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वित्तीय टेक्‍नोलॉजी पर विश्‍व के सबसे बड़े आयोजन वाला यह उत्‍सव तेजी से बढ़ रहे क्षेत्रों में न केवल भारत की शक्ति को प्रदर्शित करने का उचित मंच है, बल्कि नवाचार और विकास को बढ़ाने के लिए वैश्विक साझेदारी करने का भी मंच है। उन्होंने कहा कि यह भविष्य पर निगाहें टिकाए भारतीय युवाओं का सम्मान है, यह भारत में चल रही वित्तीय क्रांति और 1.3 बिलियन लोगों के जीवन में परिवर्तन को मान्यता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिनटेक समारोह विश्वास, नवाचार और कल्पना की शक्ति में विश्वास का उत्सव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिंगापुर वित्त के लिए विश्व का केंद्र है और अब यह वित्त के डिजिटल भविष्य की ओर छलांग लगा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यहीं इस वर्ष जून में भारत का रूपे कार्ड तथा भारत के विश्वस्तरीय यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई का उपयोग वाले रकम भेजने वाले विश्व के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल एप को लांच किया था और आज फिनटेक कम्पनियों तथा वित्तीय संस्थानों को जोड़ने वाले वैश्विक प्लेटफॉर्म लांच करने का सम्मान प्राप्त हुआ, जिसका प्रारंभ आसियान और भारतीय बैंकों एवं फिनटेक कम्पनियों ने किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-सिंगापुर, भारत-आसियान देशों के लघु और मध्यम उद्यमों को जोड़ने पर काम कर रहे हैं, अभी यह कार्य भारतीय प्लेटफॉर्म पर होगा और इसका वैश्विक विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इतिहास ने दिखाया है कि वित्तीय क्षेत्र नई टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी को अपनाने में अक्सर आगे रहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डेस्क-टोप से क्लाउड, इंटरनेट से सोशल मीडिया, आईटी सेवाओं से इंटरनेट ऑफ थिंग्स तक की यात्रा हमने कम समय में पूरी की है। व्यवसाय में दैनिक अवरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का स्वभाव बदल रहा है, टेक्नोलॉजी नए विश्व में स्पर्धा और शक्ति को परिभाषित कर रही है और यह जीवन में परिवर्तन के आपार अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में शासन संचालन और सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी में बदलाव आया है, नवाचार, आशा और अवसरों की भरमार है। उन्होंने कहा कि फिनटेक की शक्ति और डिजिटल कनेक्टिविटी की पहुंच के साथ हमने अप्रत्याशित गति और आकार की क्रांति प्रारंभ की है, आज बिलियन से अधिक बायोमेट्रिक पहचान, बिलियन से अधिक बैंक खाते तथा बिलियन से अधिक सेल फोन के साथ भारत विश्व में सबसे बड़ा सार्वजनिक आधारभूत संरचना वाला देश हो गया है, 3.6 लाख करोड़ से अधिक या 50 बिलियन डॉलर के सरकारी लाभ लोगों तक सीधे पहुंच रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अवसंरचना ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान लांच करने में मदद की है, यह योजना 500 मिलियन भारतीयों को किफायती स्वास्थ्य बीमा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि भारत विविध परिस्थितियों और चुनौतियों वाला देश है, हमारे समाधान भी विविध होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि हमारा डिजिटलीकरण सफल है, क्योंकि हमारे भुगतान उत्पाद सभी की आवश्यकता पूरी करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट वाले लोगों के लिए भीम-यूपीआई, वर्चुअल भुगतान एड्रेस का उपयोग करते हुए अनेक खातों के बीच भुगतान के लिए विश्व का सर्वाधिक सूक्ष्म, सरल और बाधारहित प्लेटफॉर्म है, जिनके पास मोबाइल और इंटरनेट नहीं है उनके लिए 12 भाषाओं में यूएसएसडी प्रणाली है और जिनके पास न मोबाइल है और न इंटरनेट उनके लिए आधार सक्षम भुगतान प्रणाली है जो बायोमेट्रिक का उपयोग करती है, इस प्रणाली से एक बिलियन लेन-देन हुए हैं और दो वर्ष में इसका 6 गुणा विकास हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में फिनटेक नवाचार और उद्यम का काफी अधिक विस्तार हुआ है, इसने भारत को विश्व का अग्रणी फिनटेक और स्टार्टअप देश बना दिया है, भारत में फिनटेक तथा इंडस्ट्री 4.0 का भविष्य निखर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे युवा ऐसे ऐप्स विकसित कर रहे हैं, जो सभी के लिए कागज रहित, नकद रहित, मौजूदगी रहित और सुरक्षित लेन-देन को संभव बना रहे हैं, यह विश्व का सबसे बड़ा एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस सेट इंडिया स्टैक का कमाल है। उन्होंने कहा कि युवा बैंकों, नियामक संस्थानों तथा उपभोक्ताओं के लिए समाधान सृजन के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रहे हैं और सामाजिक मिशनों-स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर सूक्ष्म ऋण और बीमा को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कहानी फिनटेक के 6 बड़े लाभों-पहुंच, समावेशन, कनेक्टिविटी, जीवन की सुगमता, अवसर और दायित्व को दिखाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व में भारत-प्रशांत से लेकर अफ्रीका और लैटिन अमेरिका तक हम जीवन को बदलने वाले असाधारण नवाचार की प्रेरक कहानियों को देख रहे हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ करना शेष है। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस सबके विकास और सबसे अधिक हाशिए पर खड़े व्यक्ति के विकास पर होना चाहिए, हमें बैंकिंग सुविधाओं से वंचित विश्व के 1.7 बिलियन लोगों को औपचारिक वित्तीय बाजार में लाना होगा, हमें विश्व के अनौपाचारिक क्षेत्रों में काम कर रहे एक बिलियन से अधिक कर्मियों को बीमा और पेंशन सुरक्षा देनी होगी, हम यह सुनिश्चित करने के लिए फिनटेक का उपयोग कर सकते हैं कि किसी का भी सपना अधूरा न रहे और कोई भी उद्यम वित्तीय पहुंच के अभाव में न रहें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर खतरों से वैश्विक वायर प्रणाली को सुरक्षित बनाना होगा, हमें समावेशी नीतियों और टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे में लोगों में जागरुकता पैदा करने और लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है, इसके लिए फिनटेक को न केवल एक व्यवस्था, बल्कि एक आंदोलन बनाने की आवश्यकता होगी और हमें डाटा स्वामित्व तथा प्रवाह, निजता तथा सहमति, निजी और सार्वजनिक हित, कानून और मूल्यों जैसे प्रश्नों का समाधान भी करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य के लिए कौशल सृजन में निवेश करना होगा और विचारों एवं दीर्घकालिक निवेश को समर्थन देने के लिए तैयार रहना होगा।

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