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Friday 23 November 2018 01:56:49 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूनानक देव जयंती पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने बधाई संदेश में कहा है कि गुरूनानक देव के जीवन और शिक्षाओं को याद करते हुए मैं सिख समुदाय सहित सभी नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव का जीवन हमें प्रेम और सद्भाव की शिक्षा देता है। उन्होंने हमें ‘एक ओंकार सतनाम’ का मंत्र दिया, जिसका अर्थ है कि ईश्वर एक है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि प्रेम, शांति और सद्भावना के मूल्यों पर बल देते हुए गुरूनानक देव मानवता के प्रति सेवा को ईश्वर के प्रति सेवा के समान मानते थे, उनके संदेश का सार है-‘वंद चाको दूसरों के साथ साझा करना’, ‘कीरत करो-ईमानदारी से जीवन यापन’ और ‘नाम जपो-ईश्वर को हमेशा याद करना’। राष्ट्रपति ने कहा कि आइए हम सभी गुरूनानक देव के मार्ग को अनुसरण करने का संकल्प लें और समाज के कल्याण के लिए कार्य करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूनानक जयंती पर गुरुनानक देव को नमन करते हुए कहा है कि गुरूनानक देव ने हमें सत्य, धार्मिकता और करुणा का मार्ग सिखाया, वह समाज से अन्याय और असमानता को खत्म करने की दिशा में प्रतिबद्ध थे, उन्होंने शिक्षा की शक्ति में भी विश्वास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उन्हें उनके जयंती पर नमन करते हैं और उनके प्रेरक विचारों को याद करते हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुरूनानक जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल ने बधाई संदेश में कहा है कि गुरूनानक की शिक्षाएं सिख धर्म के साथ ही सभी धर्मों के लिए अनुकरणीय हैं, उनकी शिक्षाएं हमें समाजोत्थान के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सभी पर्वों का अपना विशेष सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व है और हमें अपनी साझी संस्कृति को बनाए रखते हुए देश एवं प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए।
गौरतलब है कि गुरूनानक देव सिखों के आदि गुरू हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। लद्दाख और तिब्बत में इन्हें नानक लामा भी कहा जाता है। गुरूनानक देव ने अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु के गुण समेटे हुए थे। मानना है कि बाबा नानक एक सूफी संत भी थे और उनके सूफी कवि होने के प्रमाण भी लगभग सभी इतिहासकारों ने दिए हैं। यह भी गौरतलब है कि भारत सरकार ने गुरू नानक देव की जयंती के एकदिन पूर्व पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेराबाबा नानक से पाकिस्तान के क्षेत्र में स्थित गुरूद्वारा करतारपुर साहिब के सामने अंतर्राष्ट्रीय भारतीय सीमा तक विशेष कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। यह सिख समाज की बहुत बड़ी आध्यात्मिक भावना और इच्छा थी, जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया है, अब पाकिस्तान सरकार पर निर्भर है कि वह इस मामले में क्या करती है। यदि पाकिस्तान ने भी ईमानदारी से भारत जैसा ही कदम उठाया तो भारतीय सिख आसानी से करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे।