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Wednesday 28 November 2018 01:59:17 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में औपचारिक रूपसे 'मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति' की शुरूआत की। इस कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और आयुध फैक्ट्रियों के विशेष आविष्कारों और नवाचारों को प्रस्तुत किया गया है। कार्यक्रम में इन उत्पादों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत सफल आवेदनों का भी परिचय दिया गया। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्र के लिए उपयोगी उत्पादों के आविष्कार के संबंध में कुछ वैज्ञानिकों का भी स्वागत किया। इस अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन हुआ, जिसमें सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के अध्यक्ष और महानिदेशकों ने हिस्सा लिया। परिचर्चा में भविष्य के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा उत्पादन विभाग और गुणता आश्वासन महानिदेशालय के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में जागरुकता पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है। प्रमुख वक्तव्य देते हुए रक्षा उत्पादन सचिव डॉ अजय कुमार ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि हम विदेशी स्रोतों से प्रौद्योगिकी अंतरण की संस्कृति से आगे बढ़कर स्वयं भारत में बौद्धिक संपदा का सृजन करें, ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की मौजूदा पहलों के अंग के रूपमें रक्षा उत्पादन विभाग ने मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति एक नई रूपरेखा शुरू की है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उद्योग में भौतिक संपदा अधिकार संस्कृति को बढ़ावा देना है। गुणता आश्वासन महानिदेशालय को कार्यक्रम के समन्वय और कार्यांवयन की जिम्मेदारी दी गई है। कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जीसतीश रेड्डी, तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय आयुध निर्माणियां बोर्ड के अध्यक्ष और सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के प्रबंध निवेशक और विशिष्टजन उपस्थित थे।