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Saturday 1 December 2018 04:04:52 PM
ब्यूनस आयर्स/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की मेजबानी में राजधानी ब्यूनर्स आयर्स हुए 13वें जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के मार्जिन पर ब्रिक्स नेताओं की बैठक को सम्बोधित किया और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को जुलाई में जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की सफलता और इस बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स में दुनिया की 42 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, पिछले कुछ साल से ब्रिक्स ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बना हुआ है, हालांकि अभी भी विश्व जीडीपी 23 प्रतिशत और व्यापार 16 प्रतिशत है, जिसमें हमारे हिस्से के बढ़ने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं, मगर वह जनसंख्या के अनुरूप नहीं हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ब्यूनस आयर्स में योग कार्यक्रम में भी शामिल हुए और कहा कि यहां की सुबह, दिन और शाम सुहानी और स्वाभाविक है, उन्होंने यहां पर महर्षि पतंजलि की परंपरा से जुड़े सभी जनों का सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरफ से अभिवादन किया। उन्होंने इसके हेतु आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों को इस शानदार आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्वीकरण ने लाखों लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला है, वैश्वीकरण के फायदों के समान वितरण को लेकर हमारे सामने चुनौतियां हैं, बहुपक्षीय और नियम आधारित विश्वव्यवस्था के सामने निरंतर कठिनाइयां आ रही हैं और संरक्षणवाद बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुद्रा अवमूल्यन और तेल कीमतों में तेज बढ़ोत्तरी पिछले कुछ वर्ष में अर्जित लाभ को चुनौती दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देश वैश्विक स्थिरता और विकास में योगदान देते रहे हैं, हमने विश्व की आर्थिक और राजनैतिक संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हमने वैश्विक आर्थिक शासन के वास्तुकला को और अधिक प्रतिनिधित्व वाला और लोकतांत्रिक बनाने में सार्थक योगदान दिया है और इस दिशा में आगे भी कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें संयुक्तराष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद सहित बहुपक्षीय संस्थानों में विकासशील देशों को और अधिक प्रतिनिधित्व दिए जाने पर एक सुर में बात करनी चाहिए, यह वही मकसद है, जिसके लिए हम ब्रिक्स में एक साथ आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें नियम आधारित विश्वव्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्तराष्ट्र, डब्ल्यूटीओ, यूएनएफ़सीसी, विश्व बैंक इत्यादि बहुपक्षीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करना होगा, जिससे इनकी प्रासंगिकता बनी रहे और वह समय की वास्तविकताओं को दर्शाए। उन्होंने इस संबंध में जोहानिसबर्ग की अपनी मुलाकात में 'सुधारित बहुपक्षवाद' का सुझाव दिया और कहा कि नई औद्योगिक क्रांति जैसे विषयों के जी-20 एजेंडा में समावेश ने वैश्विक विकास की चर्चा को समृद्ध किया है, हम ब्रिक्स देश नई औद्योगिक क्रांति में सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस संदर्भ में वैश्वीकरण और प्रवास के विषयों को बेहतर बहुपक्षीय समन्वय और सहयोग से संबोधित करना होगा, ग्लोबल सप्लाई चेन में लेबर मुद्दों का प्रबंधन, पूरी वैल्यू चेन में उत्कृष्ट काम को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि विश्वभर में कामगारों की सामाजिक संरक्षण योजनाओं की पोर्टेबिलिटी और मजदूरों की सहज आवाजाही महत्वपूर्ण है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और टिकाऊ भविष्य जैसे सामाजिक और आर्थिक मामले जी-20 शिखर सम्मेलन में उठाए जाने चाहिएं।
नरेंद्र मोदी ने टिकाऊ विकास और बुनियादी ढांचे पर आपदा लचीले बुनियादी ढांचे की जरूरत का सुझाव दिया और कहा कि इसे आगे बढ़ाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ब्रिक्स राजनीतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने में हो रही प्रगति को महत्व देता है और उसकी सराहना करता है, इस संबंध में हमारे विदेश मंत्रियों, एनएसए और मध्य पूर्व के विशेष दूतों की मुलाकातों ने अहम योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि आज आतंकवाद और कट्टरता पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं, यह न केवल शांति और सुरक्षा के लिए ख़तरा है, बल्कि यह आर्थिक विकास के लिए भी एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमने सभी देशों से एफएटीएफ मानकों के कार्यांवयन का आग्रह किया है, आतंकवादियों के नेटवर्क, उनकी फाइनेंसिंग और उनकी आवाजाही को रोकने के लिए संयुक्तराष्ट्र के काउंटर आतंकवाद फ्रेमवर्क ब्रिक्स हेतु मजबूत करने के लिए और जी-20 देशों को साथ मिलकर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के विरुद्ध हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता है, यह समस्या विश्व की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर ख़तरा बन सकती है। उन्होंने कहा कि जी-20 में हमारे सहयोग का आधार मजबूत होने लगा है, ब्रिक्स देश जी-20 मामलों में परामर्श और सहयोग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता एक विकासशील देश कर रहा है, यह एक सुअवसर है कि जी-20 के एजेंडे और इसके परिणामों को फोकस विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर लाया जाए। उन्होंने कहा कि मैं आगामी ब्रिक्स चेयरशिप के लिए ब्राज़ील और उसके नेतृत्व को भारत के पूर्ण समर्थन और सहयोग का विश्वास दिलाता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि ब्राज़ील की चेयरशिप के अंतर्गत ब्रिक्स सहयोग नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगा। ब्रिक्स देशों की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमर भी मौजूद थे।