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Tuesday 11 December 2018 02:11:24 PM
नई दिल्ली। रूसी संसद के निचले सदन ‘ड्यूमा’ के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग की अपार संभावनाओं के पूर्ण दोहन के लिए एक उपयुक्त वैधानिक रूपरेखा बनाने का आह्वान किया है। रूसी संसद के निचले सदन ‘स्टेट ड्यूमा’ के चेयरमैन की अगुवाई में 30 सदस्यीय रूसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से भेंट की और इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया। दोनों ने चर्चाओं के दौरान भारत-रूस के बीच पारंपरिक मैत्रीभाव को स्मरण किया तथा इसके साथ ही वर्तमान वैश्विक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए आपसी सहयोग को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया। व्याचेस्लाव वोलोदिन ने भारत-रूस के बीच संसदीय आदान-प्रदान बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग की अपार संभावनाओं के पूर्ण दोहन के लिए आवश्यक वैधानिक रूपरेखा बनाई जा सके।
रूसी संसद के निचले सदन ‘स्टेट ड्यूमा’ के चेयरमैन ने दोनों देशों की संसदों की समितियों से इस दिशा में और भी अधिक सक्रिय होने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था, मानव संसाधन विकास और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में पारस्परिक लाभ के लिए दोनों देशों के बीच पारंपरिक मित्रता को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाने की जरूरत है। पर्यटन और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निहित अपार अवसरों का उल्लेख करते हुए व्याचेस्लाव वोलोदिन ने लालफीताशाही के कारण होने वाले विलम्ब को समाप्त करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, हालांकि दोनों देशों के बीच व्यापार के स्तर को अभी और ज्यादा बढ़ाने की गुंजाइश है। वेंकैया नायडू ने विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भारत-रूस के बीच विशिष्ट एवं विशेषाधिकार प्राप्त संबंधों और सकारात्मक जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2000 से लेकर अब तक भारत और रूस के राजनेताओं के बीच 19 द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किए गए हैं।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में हुई अत्यंत सार्थक बैठक दोनों देशों के बीच एकजुटता को प्रतिबिम्बित करती है। वेंकैया नायडू ने आतंकवाद के खतरे का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे विश्वभर में सामाजिक और आर्थिक ताना-बाना संकट में पड़ता जा रहा है। उन्होंने इस संकट का सामना करने के लिए वैश्विक स्तरपर और ज्यादा सहयोग की जरूरत बताई। व्याचेस्लाव वोलोदिन और सभापति वेंकैया नायडू के बीच भारत-रूस संसदीय आयोग की बैठक में द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े विशिष्ट मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।